Seminar: डीपीआर तैयार करने वाले इंजीनियरों को तो मिलना चाहिए पद्म भूषण और पद्म श्री सम्मान: परिवहन मंत्री

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नितिन गडकरी ने सड़क और पुलों के डीपीआर बनाने वाली कंपनियों पर कसा तंज 

Seminar: केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भोपाल में आयोजित एक सेमिनार के दौरान सड़क और पुलों के डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनाने वाली कंपनियों पर तंज कसते हुए कहा कि कई कंपनियां घर बैठे गूगल के जरिए ही प्रोजेक्ट का प्लान तैयार कर देती हैं। उन्होंने इस प्रक्रिया की आलोचना करते हुए कहा कि यह इंजीनियरिंग के दृष्टिकोण से बेहद खराब तरीका है। गडकरी ने व्यंग्यात्मक रूप में कहा कि डीपीआर तैयार करने वाले इंजीनियरों को तो पद्म भूषण और पद्म श्री सम्मान मिलना चाहिए, क्योंकि वे जितने गलत काम कर सकते हैं, वे कर रहे हैं।

गूगल प्लानिंग पर सवाल:

गडकरी ने सवाल उठाया कि क्या इंजीनियर साइट का दौरा किए बिना ही प्रोजेक्ट पर हस्ताक्षर कर देते हैं? उन्होंने कहा कि कई बार परियोजनाएं पूरी हो जाती हैं, और तब जाकर पता चलता है कि रास्ते में मंदिर या मस्जिद आ रही है, जिससे काम रुक जाता है। इस स्थिति का कारण गूगल पर आधारित प्लानिंग है, जिसे बदलना जरूरी है।

भोपाल में सेमिनार:

यह बयान गडकरी ने भोपाल के रवींद्र भवन में आयोजित ‘सड़क और पुल निर्माण में नवीनतम प्रवृत्तियों और तकनीकों’ पर दो दिवसीय सेमिनार के उद्घाटन अवसर पर दिया। इस सेमिनार का उद्देश्य मध्य प्रदेश में सड़क और पुल निर्माण की गुणवत्ता में सुधार लाना और नवीनतम तकनीकों का उपयोग करके टिकाऊ और समयबद्ध अवसंरचना का विकास सुनिश्चित करना था।

सेमिनार का उद्देश्य:

सरकारी और निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर अनुभवों और नवाचारों का आदान-प्रदान किया गया। इसका मकसद था कि राज्य की अवसंरचना परियोजनाओं को एक नई दिशा और मजबूती मिल सके।

दूसरे दिन की चर्चा:

सेमिनार के दूसरे दिन, 20 अक्टूबर को, ईपीसी अनुबंधों (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, कंस्ट्रक्शन) पर विस्तृत चर्चा हुई, जिसमें अनुबंधों की संरचना, शेड्यूलिंग, ठेकेदारों की भूमिका और सहायक अभियंताओं की जिम्मेदारियों पर भी विचार किया गया। इसके अलावा, अनुबंध से जुड़े विवादों और चुनौतियों के समाधान पर भी ध्यान दिया गया।

source internet साभार…