अर्ध विकसित आवासीय कालोनी ड्रीमलैंड सिटी को नपा में नहीं किया जाए शामिल
कालोनी वासियो ने जनसुनवाई में सौपा ज्ञापन
मुलताई। नगर में बैतूल रोड पर स्थित कॉलोनाइजर रामदेव बाबा बारको डेवलपर्स यवतमाल द्वारा वर्ष 2008 से विकसित की जा रही आवासीय कॉलोनी ड्रीमलैंड सिटी को नगर पालिका को हस्तांतरित नहीं किए जाने की मांग कॉलोनी के निवासियों ने की है। कॉलोनी के रहवासी हरिराम नागले, सुभाष पवार, विजय सावरकर, विजय पवार, सोहनलाल सयाने,धनराज उबनारे, आशीष पांसे, सुखदेव प्रसाद सोनी,भीम सिंह, ओमप्रकाश मोहबे सहित अन्य रहवासियों ने मंगलवार को जनपद पंचायत के सभा कक्ष में आयोजित जनसुनवाई में कलेक्टर को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। ज्ञापन में बताया विश्वसनीय सूत्रों से यह जानकारी प्राप्त हुई है कि, कॉलोनाइजर धनबल का उपयोग कर गुपचुप तरीके से नगर पालिका मुलताई के अधिकारियों से सांठ गांठ कर अविकसित और अपूर्ण कॉलोनी का हस्तांतरण करने की प्रक्रिया करा रहा है। कॉलोनाइजर रामदेव बाबा बारको डेवलपर्स द्वारा नगर एवं ग्राम निवेश बैतूल से जारी अनुमोदित ले-आउट के विपरीत, मनमर्जी से तैयार किए गए फर्जी ले-आउट के आधार पर कॉलोनी का निर्माण किया गया है। जिसके लिए कॉलोनाइजर द्वारा फर्जी लेआउट तैयार कर नाला मद की सरकारी भूमि का उपयोग भूखंड, नाली एवं सड़क बनाने में किया गया है। जिसमें सरकारी भूमि में निर्मित 8 भूखंडों का निर्माण कर, इसमें से चार भूखंड फर्जी दस्तावेजों के आधार पर विक्रय कर दिए गए हैं। इन भूखंडों को मुक्त करने हेतु संपादित विक्रय विलेखों को न्यायालय के माध्यम से शून्य करने की कार्यवाही अभी तक प्रारंभ नहीं की गई है। जबकि सरकारी भूमि के विक्रय एवं 15 वर्षों के लंबे अंतराल के बावजूद रहवासियों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराने के चलते कॉलोनाइजर के खिलाफ
मुलताई थाने में बीते 1 सितंबर 2024 भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 120 बी, 467, 468 एवं 471 के तहत मामला पंजीबद्ध होकर विगत एक वर्ष से विवेचनाधीन है। 29 अगस्त 2024 को कलेक्टर के जारी आदेश के आधार पर नगर पालिका द्वारा कॉलोनाइजर के बंधक भूखंड नीलाम कर, कॉलोनी का शेष विकास कार्य पूर्ण करने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। जिसे स्थगित करने हेतु कॉलोनाइजर द्वारा उच्च न्यायालय में रिट पिटीशन दर्ज कराई गई थी, जिसमें 23 अक्टूबर.2024 को भूखंड नीलामी प्रक्रिया पर स्थगन जारी हुआ है और याचिका का अंतिम निराकरण होना शेष है।
हाईकोर्ट के आदेश का भी पालन नहीं कर रहा कॉलोनाइजर
ज्ञापन में बताया कॉलोनाइजर द्वारा रहवासियों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराने से भी क्षुब्ध होकर रहवासियों की ओर से उच्च न्यायालय में एक रिट पिटीशन प्रस्तुत की गई थी, जिसमें 20 फरवरी 2024 को पारित निर्णय अनुसार कॉलोनाइजर को आदेश दिनांक से 6 माह की अवधि में कॉलोनी का शेष विकास कार्य कॉलोनी विकास नियम के अनुसार पूर्ण करने के आदेश जारी हुए हैं। जिसका पालन कॉलोनाइजर द्वारा आज दिनांक तक नहीं किया गया है। जिसे क्षुब्ध होकर रहवासियों द्वारा उच्च न्यायालय में न्यायालय के आदेश की अवहेलना का प्रकरण भी प्रस्तुत किया गया है, जो कि उच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है। इस आवेदन के निराकरण के पूर्व कॉलोनाइजर के पक्ष में किसी भी प्रकार की कार्यवाही अवैध व अनुचित है। ज्ञापन में बताया
कॉलोनाइजर के विरुद्ध भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण में दर्ज प्रवर्तन प्रकरण में 22 मार्च 2024 को पारित आदेश अनुसार वर्ष 2016 के पश्चात कॉलोनी का विकास कार्य पूर्ण नहीं करने हेतु धारा 59 का दोषी पाकर कॉलोनाइजर के विरुद्ध 10 लाख रुपए का अर्थदंड अधिरोपित किया जाकर, आदेश दिनांक से 2 माह की अवधि में आवासीय कॉलोनी ड्रीमलैंड सिटी का रेरा पंजीयन कराए जाने के आदेश पारित हुए हैं। जिसका पालन कॉलोनाइजर द्वारा नहीं किया गया है। इस आदेश का पालन नहीं करने पर
रहवासियों द्वारा रेरा न्यायालय में अवहेलना का प्रकरण भी प्रस्तुत किया गया है, जिनका पंजीकरण प्रक्रियाधीन है वहीं अधिरोपित शास्ति की वसूली की प्रक्रिया कलेक्टर द्वारा प्रस्तावित की गई है।
हरित अधिकरण द्वारा कॉलोनाइजर पर लगाया है जुर्माना
कॉलोनी के रहवासीयो ने ज्ञापन में बताया कॉलोनी में बिना अनुमति जल एवं वायु प्रदूषण का उल्लंघन करने हेतु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड छिंदवाड़ा द्वारा माननीय सिविल न्यायालय बैतूल में एक प्रकरण पंजीबद्ध कराया गया है, वह प्रकरण भी विचाराधीन है। वही हरित अधिकरण सेंट्रल जोन भोपाल में प्रस्तुत आवेदन के आधार पर वायु एवं जल प्रदूषण के संबंध में कॉलोनाइजर पर इकतीस लाख पैतालीस हजार नौ सौ दस रुपए का जुर्माना प्रस्तावित कर कार्रवाई विचाराधीन है। इसी प्रकार कॉलोनाइजर द्वारा कॉलोनी विकास के संबंध में निर्धारित आश्रय शुल्क की राशि तीन करोड़ छत्तीस लाख अस्सी हजार एक सौ इकसठ रुपये नगर पालिका मुलताई में जमा नहीं की गई है। जबकि अवैध उत्खनन के संबंध में न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी द्वारा अधिरोपित अर्थदंड की राशि 33 लाख 10459 रुपए भी अभी तक शासन पक्ष में संदाय नहीं की गई है। कॉलोनी के रहवासियों ने
इन परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए आवासीय कॉलोनी ड्रीमलैंड सिटी को नगर पालिका को हस्तांतरित करने प्रारंभ की गई अनुचित नियम विरुद्ध प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर उच्च न्यायालय के निर्देश अनुरूप कार्यवाही करने की मांग की है।