मध्यप्रदेश की राजनीति में साल 2020 में सरकार गिराने की हुई घटना पर फिर से पुराने जख्म कुरेदे जा रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 5 साल बाद बड़ी बात स्वीकार की है।उन्होंने कहा कि उनकी सरकार सिर्फ व्यक्तिगत महत्वकांक्षा की वजह से नहीं गिरी थी, बल्कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की यह धारणा भी बड़ी वजह बनी कि सरकार असल में दिग्विजय सिंह चला रहे थे। कमलनाथ ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि अब पुरान बातों को उखाड़ने का कोई फायदा नहीं है, लेकिन यह सच है कि सिंधिया को लगा कि सरकार दिग्जिवजय सिंह चला रहे हैं। इसी नाराजगी में उन्होंने कांग्रेस के विधायकों को तोड़ा और सरकार गिरा दी। कमलनाथ का यह बयान ऐसे समय में आया है जब राहुल गांधी प्रदेश के नए जिला अध्यक्षों से मुलाकात कर कांग्रेस को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, दूसरी ओर पार्टी के बड़े नेता फिर पुराने मुद्दों को हवा दे रहे हैं।
दिग्विजय का खुलासा
हाल ही में दिग्विजय सिंह ने एक पॉडकास्ट में बताया था कि एक बड़े उद्योगपति के घर डिनर के दौरान सिंधिया ने कमलनाथ को ग्वालियर-चंबल से जुड़ी समस्याओं की एक सूची दी थी। लेकिन, जब उस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो सिंधिया को लगा कि दिग्विजय सिंह का सरकार पर ज्यादा असर है।
सिंधिया के साथ चले गए 22 विधायक
इसके बाद ही कांग्रेस की बालात बिगड़ गए और मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया। उनके साथ 22 विधायक भी चले गए थे। नतीजा यह हुआ कि कांग्रेस अल्पमत में आ गई और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार फिर सत्ता में लौट आई।