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रामलीला के सप्तम दिवस भरत मिलाप सिता हरण का दृश्य

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सांध्य दैनिकखबर वाणी बैतुल

रिपोर्ट   प्रदीप यादव

भरत मिलाप के करुणामय दृश्य मे अयोध्या से भरत जी के साथ श्री राम जी से वन मे मिलने के लिए गुरु वशिष्ठ माता कौशल्या माता कैकई माता सुमित्रा शत्रुघ्न और अयोध्या वाशी वन पहुंचे बहुत करुणा के साथ भरत जी द्वारा श्री राम जी और माता सिता के चरणों गिरकर प्रणाम किया और कहा की हे प्रभु आप हमें छोड़ कर वन मे आगये सारी अयोध्या को सुनी कर आप राज पाठ छोड़ कर चले आये हे प्रभु आप से करण बध निवेदन है की आप वापस अयोध्या का राज पाठ सम्भालो
तभी श्री राम जी ने भरत जी को समझाकर कहा की आप वापिस अयोध्या जाकर के आप अयोध्या वाशी और माताओ गुरु ज़ी सभी की सेवा कारो और राज पाठ सम्भालो. तभी भरत ज़ी ने भगवान श्री राम ज़ी के चरनपादुका मांगकर की हेप्रभु यह चरण पादुका आप के स्थान पर रख कर मैं राज्य की सेवा करूँगा यह कह कर प्रभु श्री राम के चरणों मे शिस झुका कर प्रणाम कर वहां से गुरु और माताओ और सभी अयोध्या वाशी के साथ अयोध्या वापस लोट गये
सिता हरण का दृश्य

पंचवटी मे श्री राम माता सिता
लक्ष्मण जी मे रह रहे थे तभी वहां पर विचरण करते हुवे सुर्पणखा पंचवटी मे श्री राम ज़ी की कुटीया पर आकर
शादी का प्रस्ताव रखा जिसपर श्री राम जीने कहा की मेरी अर्धांगिनी सिता मेरे साथ है आप जाकर मेरे अनुज लक्ष्मण जाकर आप शादी का प्रस्ताव रखें सभी सूर्पनखा लक्ष्मण जी के पास जाकर अपनी शादी का प्रस्ताव रखती है अभी लक्ष्मण सूर्पनखा को कहते हैं कि मैं तो प्रभु का एक दास हूं मैं आपसे शादी नहीं कर सकता हु प्रभु राम तो अयोध्या के राजा हैं आप जाकर उनसे बात करिए तभी सूर्पनखा वापस श्री राम जी के पास जाकर राम जी को कहती है कि मुझसे शादी करें राम जी द्वारा फिर से मना करने पर सुर्पणाखा आक्रोशित होकर माता सीता पर आक्रमण करती है तभी लक्ष्मण जी द्वारा सूर्पनखा के नाक और कान काटकर वहां से भगा देते हैं

वहां से भाग कर सूर्पनखा खर और दुसन के पास जाकर अपनी व्यथा सुनाती हैं तभी वह अपनी सी सजा कर श्री राम पर आक्रमण करते हैं और मारे जाते हैं जब यह खबर सूर्पनखा को लगती है तब भागी भागी लंकापति रावण के पास जाती है और कहती है कि खर और दुसन मारे गए ये मारे जाने की खबर और सुर्पणाखा के नाक और कान कट जाने पर क्रोधित होकर को हरण करने के लिए ऋषि का वेश धारण कर पंचवटी में जाता है श्री राम को मृग के पीछे जाते देखा सीता को हरण कर ले गया
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पात्र गण

कुलदीप पटेल
ओमप्रकाश यादव
प्रभुदयाल यादव
प्रदीप यादव योगेंद्र सरनेकर
नारायण यादव
नरेन्द्र यादव छोटेराम यादव
आकाश यादव
मयूर यादव
गौतम यादव
आदित्य यादव अमन यादव
मयंक यादव
हर्ष यादव प्रतिक यादव
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संगीत के सहयोगी

दुर्गाप्रसाद यादव
रामकरण यादव
अंकित यादव
नंदकिशोर सरनेकर
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समिति सहयोगी

सुरेश यादव
संदीप यादव काशी प्रसाद यादव
सुनील यादव
उमेश यादव अनिल यादव
अज्जू यादव राजु देशमुख सेवक यादव देशांत यादव
सागर यादव राजेश यादव

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