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Sarpanch : धनोरा की निर्विरोध सरपंच बनी आदिवासी महिला

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कक्षा 11 वीं तक शिक्षित पुनीता दुर्गादास कड़वे रह चुकी हैं पंच

बैतूल – मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिले की आठनेर जनपद की ग्राम पंचायत धनोरा ने एक कीर्तिमान अपने नाम दर्ज कर लिया। इस गांव की 11 वीं पास श्रीमती पुनिता दुर्गादास कड़वे ने 31 साल की उम्र में र्निविरोध सरपंच चुने जाने का गौरव प्राप्त किया है। श्रीमती पुनिता दुर्गादास कड़वेे की 11 साल पहले शादी ग्राम धनोरा के दुर्गादास कड़वेे से हुई थी। श्री कड़वे इसी ग्राम पंचायत के वार्ड क्रमांक 2 से पंच चुनी जा चुकी है। श्रीमती पुनिता पिछली ग्राम पंचायत की सरपंच बन जाती लेकिन पुरूष वर्ग के लिए आरक्षित होने के कारण वह ग्राम पंचायत की पंच चुनी गई थी।

ग्राम स्वराज को साकार करना है सपना

श्रीमती पुनिता दुर्गादास कड़वे के दो संतान जिसमें एक बेटा-बेटी है। श्रीमती कड़वेे कहती है कि उनकी पहली प्राथमिकता ग्राम में सौं साल पहले आईं स्वर्गीय कस्तुरबा गांधी के सपनो को साकार करना है। ग्राम स्वराज की कल्पना को साकार करना है। सातनेर के पास कोयलारी की रहने वाली श्रीमती पुनिता दुर्गादास कड़वेेे ने विवाह के बाद से गांव में अपनी मधुर भाषा एवं मिलनसार व्यवहार के कारण जो छबि बनाई है उससे उसका र्निविरोध चुना जाना तय हुआ।

पूरी ग्राम पंचायत के निर्विरोध निर्वाचित होने का इंतजार

ग्राम के वासियों को इंतजार है कि पूरी ग्राम पंचायत एवं पंच के निर्विरोध चुने जाने का सरकारी प्रमाण पत्र मिलने का और सरकार से मिलने वाले पुरूस्कार की राशि का उपयोग वे ग्राम विकास के रूप मे करेगी।

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