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सारनी: भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ बीएमएस का भूमिगत खदानों पर गेट मीटिंग का दौर जारी

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( नारायण खातरकर )सारनी: भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ बीएमएस ने 19 मांगों को लेकर भूमिगत खदानों में गेट मीटिंग का दौर शुरू कर लिया है। बुधवार को बीएमएस यूनियन के पदाधिकारी के माध्यम से क्षेत्र की खदानों पर पहुंचकर और औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 22 के तहत हड़ताल से संबंधित सूचना देने के बाद गेट मीटिंग का दौर शुरू कर दिया है। बीएमएस के एरिया अध्यक्ष प्रमोद सिंह,वरिष्ठ श्रमिक नेता भरत सिंह के माध्यम से श्रमिकों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रबंधन भूमिगत खदानों में काम करने वाले मजदूरों के साथ छलावा करने का काम कर रही है। यही वजह है कि सीवीसी की गाइडलाइन का पालन करते हुए क्षेत्र की सभी सेंसिटिव पदों पर कार्यरत कर्मचारियों का तत्काल स्थानांतरण किया जाना चाहिए,उन्होंने कहा कि क्षेत्र में पूर्व की भाती सभी चेक पोस्ट शुरू किया जाए तथा डबल सुरक्षा प्रहरी रखे जाएं सभी कॉलोनीयों के प्रवेश द्वार पर सीसीटीवी कैमरा लगाया जाए। वर्तमान समय में ऐसा न होने की वजह से बाहरी लोगों का प्रवेश ज्यादा हो रहा है। साथ ही महाप्रबंधक कार्यालय में चल रहे रिपेयरिंग कार्य एवं पेविग ब्लॉक गुणवत्ताहीन है सुधार करवाया जाना चाहिए क्षेत्र में हो रहे समस्त सिविल कार्यों के बिलों का भुगतान सभी वेलफेयर सदस्यों की सहमति के बिना न किए जाने की बात भी श्रमिक संगठनों के माध्यम से किया गया है। क्षेत्र के सभी इकाईयो (खदानों) पर जनरल मजदूर या ठेका मजदूर को बगैर प्रशिक्षण के बारूद या टिंबर का कार्य नहीं दिया जाना चाहिए बिना प्रशिक्षण देने की वजह से ही भूमिगत खदानों में दुर्घटनाओं का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। श्रमिक संगठनों का कहना है की तवा 3 खदान मैं पूरे महीने भर सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त की जाए कामगारों को उनके पद नाम वाले कर में ही दिया जाए जैसे छतरपुर वन और तवा टू खदान में कार्य किया जा रहा है। श्रमिक संगठन के नेताओं ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2020-21 में एनसीडब्ल्यूए-10 में सेवानिवृत हो चुके कामगार तथा एनसीडब्ल्यूए-11 में सेवानिवृत हो चुके कामगारों कर्मचारियों को पेंशन रिवीजन कर भुगतान किया जाना चाहिए क्षेत्र की सभी खदानों में तीनों पालियों में अधिक उत्पादन की वजह से कर्मचारियों में ब्रेन हेमरेज,हार्ट अटैक लकवा आदि गंभीर बीमारी पाई जा रही है। सभी खदानों में 8 से चार,4 से 12 और रात्रि 12 से 8 बजे सुबह की पाली ही प्रबंधन को चलाई जानी चाहिए ताकि मजदूर सुरक्षित रह सके।

* भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ तीन चरणों में करेगा आंदोलन 

बीएमएस यूनियन के माध्यम से प्रबंधन को 11 अप्रैल को हड़ताल से संबंधित सूचना देने के बाद ट्रेड यूनियन के नेताओं के माध्यम से क्षेत्र में तीन चरणों में आंदोलन चलाए जाने की रूपरेखा तैयार की गई है जिसमें पहले चरण में 15 अप्रैल से लेकर 27 अप्रैल तक गेट मीटिंग का दौर जारी रहेगा दूसरे चरण में 28 अप्रैल को भूमिगत खदानों से निकलने वाले कोयला परिवहन को बंद किया जाएगा यदि उसके बाद भी प्रबंधन ने श्रमिकों के हित में फैसला नहीं लिया तो बीएमएस यूनियन के माध्यम से तीसरे चरण में 29 अप्रैल से अनिश्चितकालीन कार्मिक भुखा हड़ताल करने का कार्य किया जाएगा बीएमएस यूनियन के क्षेत्रीय महामंत्री एस एन बारस्कर ने जानकारी देते हुए बताया कि 19 सूत्री मांगों को लेकर प्रबंधन को पहले ही पत्राचार किया जा चुका है लेकिन प्रबंधन के माध्यम से नकारात्मक रवैया अपनाया जा रहा है जिसे देखते हुए भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ बीएमएस यूनियन पाथाखेड़ा को तीन चरणों में हड़ताल करने की आवश्यकता पड़ी है। प्रबंधन के माध्यम से लाल फीता शाही चलाई जा रही है भूमिगत खदानों में ज्यादा उत्पादन के चक्कर में श्रमिकों को समय से पहले काल के गाल में भेजने का काम किया जा रहा है। जिसका जीता उदाहरण छतरपुर टू में एक्सीडेंट हुए जिसमें तीनों कर्मचारियों की घटना स्थल पर ही मौत हो चुकी है। भूमिगत खदान में चल रहे गेट मीटिंग स्थल पर बड़ी संख्या में मजदूर उपस्थित रह रहे हैं।

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