किसानो: किसानों के लिए या सही टाईम अमीर बने का|अब किसान के हात में रहेंगे पेट्रोल के भाव|किसान के खेत में जो फसल रहती हाय उसके भूसा से बनता हाय गैस| धान का भूसा, उस का भूसा,सोयाबीन का भूसा, गेहूं का भूसा बनता हाय गैस एथेनॉल।इस वजेसे किसानो का दोनो तरफ़ से बड़ेगा उत्पादन ।इस वजेसे पेट्रोल के भाव होगे अब किसानो के हात में।किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए इस ईंधन पर जोर दिया जाएगा। अब आप कहते हैं कि यह एक नए प्रकार का ईंधन है?एथेनॉल के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार इस साल भी एथेनॉल के दाम बढ़ाने की ओर चल रही है|
सरकार ने किसानो को सौपी बड़ी जिम्मेदारी The government entrusted a big responsibility to the farmers
सरकार ने किसानो को सौपी बड़ी जिम्मेदारी अब पेट्रोल के भाव होंगे किसानो के हाथो में,किसानो को मिला अमीर बनने का बड़ा मौका
केंद्र सरकार पिछले तीन साल से हर साल इस राशि से एथेनॉल के दाम बढ़ा रही है. । पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल मिलाया जाएगा। इसलिए विदेशों में ईंधन पर खर्च होने वाले भारतीय रुपये की बचत होगी। लेकिन देश में एथेनॉल उत्पादन करने वाले किसानों को बड़ा फायदा होगा। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस बात की जानकारी दी. अगले साल से देश के चुनिंदा पेट्रोल पंपों पर 20 फीसदी एथेनॉल ब्लेंड वाले पेट्रोल की सप्लाई शुरू हो जाएगी. कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता कम करने और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए सरकार ने यह अहम फैसला लिया है.
पेट्रोल के भाव होंगे किसानो के हाथो में Petrol prices will be in the hands of farmers
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व जैव-ईंधन दिवस पर दूसरी पीढ़ी के इथेनॉल संयंत्र को राष्ट्र को समर्पित किया। पानीपत रिफाइनरी के पास इंडियन ऑयल कंपनी (IOC) के इथेनॉल प्लांट की कीमत 900 करोड़ रुपये है। आईओसी की स्वदेशी तकनीक पर आधारित इस परियोजना में प्रति वर्ष लगभग दो लाख टन धान की भूसी का उपयोग किया जाएगा। इससे प्रति वर्ष लगभग 30 मिलियन लीटर इथेनॉल का उत्पादन होगा। ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन भी कम होगा। ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में सालाना तीन लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड की कमी आएगी। यह हर साल देश की सड़कों से 63,000 कारों को हटाने के बराबर है। Read Also: Ration Card: राशनकार्ड धारको के लिए हुआ सोने पर सुहागा,दीवाली पर सरकार की तरफ से मिलेगा ये सामान,जारी हुआ बजट
किसानो को मिला अमीर बनने का बड़ा मौका
पुरी ने बताया कि पहले के फैसले से कितने रुपये की बचत हुई. तदनुसार, पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथेनॉल मिलाकर 41,500 करोड़ रुपये से अधिक विदेशी मुद्रा की बचत की गई है। साथ ही ग्रीन गैस के उत्सर्जन में 27 लाख टन की कमी आई है और किसानों को 40,600 करोड़ रुपये का फायदा हुआ है। भारत अमेरिका, ब्राजील, यूरोपीय संघ और चीन के बाद दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा इथेनॉल उत्पादक देश है। दुनिया भर में अन्य उद्देश्यों के लिए इथेनॉल का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
किसानो को मिला अमीर बनने का बड़ा मौका
किसानो को मिला अमीर बनने का बड़ा मौका
ब्राजील और भारत पेट्रोल में इथेनॉल मिला रहे हैं। 20% इथेनॉल मिश्रण के साथ गैसोलीन की आपूर्ति करने से अब सालाना 4 बिलियन डॉलर की बचत होने का अनुमान है। वर्तमान में पेट्रोल में 10.17 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रित है, जो 2020-21 में 8.10 प्रतिशत और 2019-20 में 5 प्रतिशत था। 2013-14 में यह 1.53 प्रतिशत थी। पेट्रोल में 20 फीसदी एथेनॉल मिलाने के लिए 1000 करोड़ लीटर एथेनॉल की जरूरत होगी। एथेनॉल की मात्रा बढ़ने से कच्चे तेल के आयात में उतनी ही कमी आएगी।