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केले के कचरे से बने सेनेटरी पैड ने बदली इन महिलाओं की किस्मत! कमा रही करोड़ो रूपये

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केले के कचरे से बने सेनेटरी पैड ने बदली इन महिलाओं की किस्मत! कमा रही करोड़ो रूपये, केले के रेशे से बने सेनेटरी पैड एक बेहतरीन विकल्प हैं, क्योंकि ये पर्यावरण के लिए अनुकूल होते हैं और त्वचा के लिए भी नरम होते हैं। इनके निर्माण की प्रक्रिया कुछ इस प्रकार होती है:

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यह सुनकर आश्चर्य होता है, लेकिन यह सच है कि केले के कचरे से बने सेनेटरी पैड कई महिलाओं की जिंदगी बदल रहे हैं। यह एक ऐसा नवाचार है जिसने न केवल पर्यावरण संरक्षण में योगदान दिया है बल्कि महिलाओं की स्वच्छता और स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाया है।

कैसे होता है यह संभव?

  • केले का रेशा: केले के पौधे के तने में एक मजबूत रेशा होता है। इस रेशे को निकालकर उसे विशेष प्रक्रिया से गुजारा जाता है। यह रेशा न केवल बहुत मजबूत होता है बल्कि बेहद सोखने की क्षमता भी रखता है।
  • सस्ते और पर्यावरण अनुकूल: पारंपरिक सेनेटरी पैड बनाने में कई तरह के रसायन और प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है। ये पैड न केवल महंगे होते हैं बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाते हैं। वहीं, केले के रेशे से बने पैड सस्ते होते हैं और इनके उत्पादन में कम ऊर्जा खर्च होती है।
  • स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित: ये पैड त्वचा के लिए सुरक्षित होते हैं और इनमें किसी तरह के रसायन नहीं होते हैं। इससे संक्रमण का खतरा भी कम होता है।

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क्यों है यह एक क्रांतिकारी बदलाव?

  • सस्ती उपलब्धता: कई महिलाएं आर्थिक रूप से कमजोर होती हैं और उनके लिए महंगे पैड खरीदना मुश्किल होता है। केले के रेशे से बने पैड सस्ते होते हैं, जिससे अधिक से अधिक महिलाओं तक पहुंच संभव हो पाती है।
  • स्वास्थ्य में सुधार: स्वच्छता की कमी से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। केले के रेशे से बने पैड से महिलाओं की स्वच्छता में सुधार होता है, जिससे वे कई बीमारियों से बच सकती हैं।
  • समाज में बदलाव: यह नवाचार महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद करता है। जब महिलाएं स्वस्थ रहेंगी तो वे अपने जीवन को बेहतर ढंग से जी सकेंगी और समाज में भी सक्रिय भूमिका निभा सकेंगी।
  • पर्यावरण संरक्षण: पारंपरिक पैडों को नष्ट होने में कई साल लग जाते हैं और ये पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं। केले के रेशे से बने पैड जैविक होते हैं और ये आसानी से विघटित हो जाते हैं।

आगे का रास्ता केले के रेशे से बने सेनेटरी पैड एक सकारात्मक शुरुआत हैं। लेकिन अभी भी कई चुनौतियां हैं। जैसे कि इन पैडों का बड़े पैमाने पर उत्पादन और वितरण। सरकार और गैर सरकारी संगठनों को मिलकर इस दिशा में काम करना होगा।

निष्कर्ष केले के कचरे से बने सेनेटरी पैड एक ऐसा नवाचार है जिसने महिलाओं के जीवन में एक नई उम्मीद जगाई है। यह न केवल महिलाओं के स्वास्थ्य और स्वच्छता में सुधार ला रहा है बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे रहा है। यह एक ऐसा उदाहरण है जो दिखाता है कि कैसे एक छोटा सा बदलाव बड़े बदलाव ला सकता है।

Deepak Vishwkarma

मैं एक अनुभवी कंटेंट राइटर हूँ। मुझे कंटेंट राइटिंग में लगभग 3 साल का अनुभव है। मैं अपने अनुभव के आधार पर रिसर्च करके ऑटोमोबाइल, टेक्नोलॉजी, वायरल वीडियो, क्रिकेट और ट्रेंडिंग से जुड़े आर्टिकल लिखता हूँ।

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