Salt water: खारा पानी पीने से खराब होती हैं किडनी   

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सैंपल टेस्ट में 25% से अधिक सैंपल्स का पानी खारा मिला   

Salt water: यह जानकारी बहुत महत्वपूर्ण है, और इसे समझाना आवश्यक है। नमक के अधिक सेवन से स्वास्थ्य पर जो दुष्प्रभाव पड़ते हैं, उन्हें गंभीरता से लेना चाहिए। दिल्ली और राजस्थान में भूजल में नमक की अधिकता और उसके संभावित स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में जो तथ्य प्रस्तुत किए गए हैं, वे जागरूकता बढ़ाने में मददगार हैं।

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नमक का सेवन और स्वास्थ्य पर प्रभाव

WHO की सलाह: एक स्वस्थ व्यक्ति को रोज़ाना 5 ग्राम से कम नमक (2000 मिलीग्राम सोडियम) का सेवन करना चाहिए। लेकिन भारत में औसत नमक का सेवन 8 ग्राम है, जो कि अधिक है।बीमारियों का खतरा: अधिक नमक से हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज, गैस्ट्रिक कैंसर, और किडनी डिजीज का खतरा बढ़ता है। हर साल लगभग 19 लाख लोग अतिरिक्त नमक के कारण होने वाली बीमारियों से मरते हैं।किडनी और दिल पर प्रभाव: अधिक नमक से शरीर में सोडियम की मात्रा बढ़ती है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और हार्ट को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इससे किडनी भी प्रभावित होती है।

नमक कम करने के उपाय

स्वाद में बदलाव: भोजन में धीरे-धीरे नमक की मात्रा घटाएं। टेस्ट बड्स को भी इस बदलाव की आदत हो जाएगी।फास्ट फूड से परहेज़: चिप्स, सॉस और फास्ट फूड में सामान्यतः अधिक नमक होता है। इन्हें अवॉइड करें।प्राकृतिक विकल्प: सब्जियों और दालों में प्राकृतिक रूप से नमक होता है। इन्हें खाने में शामिल करें।हर्ब्स का उपयोग: स्वाद बढ़ाने के लिए धनिया, ओरेगैनो जैसे हर्ब्स का प्रयोग करें, जिससे नमक की आवश्यकता कम होगी।फलों और सब्जियों का सेवन: रोजाना फल और सब्जियों का सेवन करें। ये प्राकृतिक रूप से नमक की आवश्यकता को पूरा करते हैं।

निष्कर्ष

नमक का अधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, और इसके दुष्प्रभावों से बचने के लिए हमें अपने खान-पान में बदलाव लाना होगा। जागरूकता और सावधानी बरतने से हम अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।

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