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‘सैयारा’ फेम शान ग्रोवर की स्ट्रगल स्टोरी: जेब में पैसे नहीं थे, दोस्तों से मांगी उधारी

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मुंबई : बॉलीवुड फिल्म 'सैयारा' की गूंज अभी तक थमी नहीं है। अहान पांडे और अनीत पड्डा की नई जोड़ी जितनी पसंद की जा रही है, उतना ही चर्चा में है फिल्म का निगेटिव किरदार महेश। इस किरदार को निभाने वाले अभिनेता शान ग्रोवर स्क्रीन पर जितने सख्त दिखते हैं, असल जिंदगी में उतने ही सीधे, मेहनती और इमोशनल इंसान हैं। बातचीत में शान ने बताया कि 'महेश' बनने की तैयारी, कैमरे के पीछे के अनुभव और अपने अब तक के सफर में उन्हें क्या कुछ झेलना पड़ा। उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों को भी याद किए।

बचपन से ही थिएटर से जुड़ाव

शान का जन्म दिल्ली में हुआ और वहीं उनका पालन-पोषण हुआ। वो बताते हैं कि पांच साल की उम्र में पहली बार स्टेज पर परफॉर्म किया था। तब से लेकर आज तक थिएटर मेरी जिंदगी का हिस्सा रहा है। मैं अपने माता-पिता का इकलौता बेटा हूं और उनके बेहद करीब हूं। कभी सोचा नहीं था कि उन्हें छोड़कर मुंबई जैसी तेज रफ्तार जिंदगी में कदम रखूंगा, लेकिन किस्मत का अपना रास्ता होता है।

एक्टिंग नहीं, बिजनेस था सपना

अभिनेता ने आगे बताया कि स्कूल के दिनों में मैंने साइंस ली थी। फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स और साथ में इकोनॉमिक्स। मेरा सपना था कि मैं खुद का कोई बिजनेस शुरू करूंगा। लेकिन जब मनचाहे कॉलेज में एडमिशन नहीं मिला, तो जिंदगी ने अचानक रुख बदल दिया। मुंबई आना उस वक्त मजबूरी जैसा था, लेकिन यहीं आकर मुझे मेरा असली रास्ता मिला। कॉलेज थिएटर ने मुझे पहचान दिलाई।

कैमरे के पीछे से कैमरे के सामने तक का सफर

शान पहले असिस्टेंट डायरेक्टर बनना चाहते थे और उन्होंने कुछ प्रोजेक्ट्स में बतौर एडी काम भी किया। फिर एक दिन उनके एक दोस्त ने उनकी वीडियो कास्टिंग डायरेक्टर शानू शर्मा को दिखाई। उन्होंने शान से कहा कि तुम एक्टर हो, डायरेक्टर का सहारा क्यों ले रहे हो। उनकी बात एक्टर के दिल को छू गई और उन्होंने तय किया कि कैमरे के पीछे नहीं, सामने रहूंगा।

'महेश' का किरदार निभाना थी सबसे बड़ी चुनौती

‘सैयारा’ में महेश एक नेगेटिव लीड किरदार है और शान के लिए इसे निभाना चुनौतीपूर्ण था। एक्टर ने बताया कि मैं कभी किसी को गलत नजर से देख भी नहीं सकता। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि उस क्रूरता को कैसे निभाऊं। मोहित सूरी ने मेरी बहुत मदद की। उन्होंने सिखाया कि आंखों से बात कैसे करनी है और बिना ज्यादा बोले किरदार को कैसे जीवंत करना है। एक दिन क्लोजअप सीन शूट हो रहा था। जैसे ही शॉट खत्म हुआ, मोहित सर ने पूरे सेट के सामने मुझसे कहा कि तुम बहुत अच्छे एक्टर हो। वहां करीब 250 लोगों के सामने मिले उस सम्मान ने मुझे अंदर से पूरी तरह बदल दिया।

स्टारकिड होता तो शायद जल्दी पहुंचता

बॉलीवुड में फैले नेपोटिज्म पर शान का कहना है कि स्कूल-कॉलेज के वक्त ये ख्याल आता था कि अगर पापा बॉलीवुड में होते तो चीजें आसान होतीं। पर आज जब लोग कह रहे हैं कि तुम्हारा काम अलग है, तो लगता है मेहनत रंग लाई। हां, कभी-कभी लगता है कि ये मौका दो साल पहले मिल गया होता तो क्या बात होती।

मम्मी-पापा ने दिया ये रिएक्शन

एक्टर ने बताया कि जब माता-पिता ने फिल्म देखी तो मां ने बहुत सधा हुआ रिएक्शन दिया। वो बोलीं अच्छा किया है, लेकिन अब और अच्छा करना है। मैं जानती हूं कि तुम हीरो भी बन सकते हो। पापा तो बहुत एक्साइटेड थे। वो बोले, तू छा गया है बेटा। मुझे लगता है कि पापा से मुझे जुनून मिला है और मां से समझदारी।

एक समय खाने तक के नहीं होते थे पैसे

अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए शान बताते हैं कि कॉलेज के दिनों में मैंने एक कंपनी के लिए बच्चों को साइंस पढ़ाई थी। मेरी पहली सैलरी दस हजार रुपए थी। वो पैसे मैंने मम्मी-पापा के अकाउंट में डाल दिए थे। कई बार ऐसा हुआ कि दोस्तों से पैसे उधार लिए, खाने तक के पैसे नहीं थे। उस वक्त बस एक जिद थी कि कुछ कर दिखाना है। उसी जिद ने मुझे कभी हारने नहीं दिया।

अब लीड रोल में नजर आएंगे शान

शान जल्द ही एक वेब सीरीज में लीड रोल में नजर आएंगे। ये एक म्यूजिकल लव स्टोरी है जिसमें सुपरनैचुरल एंगल भी है। इसे हरमन बावरिया डायरेक्ट कर रहे हैं। शान को पूरा भरोसा है कि यह सीरीज भी लोगों के दिलों को जरूर छुएगी।

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