Ruckus: अफसर भी उठा रहे आयुष्मान कार्ड का लाभ

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आईएएस अफसर रूही खान के आवेदन पर मचा बवाल

Ruckus: भोपाल(ई-न्यूज)। आयुष्मान कार्ड को लेकर इन दिनों राजधानी में बवाल मचा हुआ है। इसके पीछे वजह यह बताई जा रही है कि आईएएस आफिसर रूही खान ने आयुष्मान बनाने के लिए आवेदन किया है जिसके बाद पूरा बखेड़ा खड़ा हुआ है। शुरूवाती जांच-पड़ताल में यह सामने आया है कि आयुष्मान कार्ड का लाभ बड़े-बड़े अफसर भी ले रहे हैं। फिलहाल आईएएस रूही खान के आवेदन को होल्ड कर दिया गया है। लेकिन उन्होंने कहा कि वह और उनका पूरा परिवार गैस पीडि़त है।


 गैस पीड़ितों को योजना में किया है शामिल


मध्यप्रदेश में आयुष्मान भारत निरामयम योजना का फायदा बड़े-बड़े अफसर यहां तक कि आईएएस भी उठा रहे हैं। योजना महंगा इलाज कराने में असमर्थ परिवार के मरीजों को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज देने के लिए शुरू की गई थी। योजना में भोपाल गैस पीड़ितों को सशर्त पात्र माना गया है। लेकिन कई अपात्र गैस पीडि़तों ने भी आयुष्मान कार्ड बनवा रखा है। इनमें से कई लोग तो केंद्र और राज्य सरकार के अफसर हैं।


ऐसे उजागर हुआ मामला


ये मामला भी एक आईएएस अफसर के आवेदन से उजागर हुआ है। इसके बाद आयुष्मान कार्ड बनाने को लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि दो महीने तक लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाने का काम ही रुका रहा। मामला दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की नेशनल हेल्थ अथॉरिटी में डिप्टी सेक्रेटरी आईएएस रूही खान से जुड़ा है। हालांकि उन्होंने कहा- मेरा पूरा परिवार भोपाल गैस पीडि़त है। गैस पीड़ित होने के आधार पर उन्होंने आयुष्मान कार्ड के लिए आवेदन किया, तो मप्र आयुष्मान की तत्कालीन सीईओ अदिति गर्ग ने पात्रता पर सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने कार्ड बनाने की प्रक्रिया को ही होल्ड करवा दिया। इस फैसले से अब तक बने ऐसे आयुष्मान कार्ड की भी जांच की गई है। मामले में अब प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, गैस राहत विभाग को आखिरी फैसला लेना है।


 जब हादसा हुआ तब नहीं थी मैं आईएएस


इधर, आईएएस रूही खान का कहना है कि जब 1984 में भोपाल गैस त्रासदी हुई थी, तब वे आईएएस अफसर नहीं थीं। उनका तर्क है कि वो और उनका पूरा परिवार गैस पीड़ित है। इस कारण उनका आयुष्मान कार्ड बनना चाहिए। वहीं, आयुष्मान विंग और गैस राहत विभाग के बीच उनके दावे को लेकर असहमति है। गैस राहत विभाग ने स्पष्ट किया है कि कोर्ट के आदेश के अनुसार सभी गैस पीड़ितों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा सकते हैं। यह न्यायालय की ओर से स्वीकृत प्रक्रिया है, जिसे किसी एक व्यक्ति के लिए रोका नहीं जाना चाहिए।


इन्होंने बनवा रखा है आयुष्मान कार्ड


स्वास्थ्य विभाग में संचालक रहते हुए आईएएस दिनेश श्रीवास्तव ने अपना और परिवार का आयुष्मान कार्ड गैस पीडि़त होने के आधार पर बनवाया। जेपी अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर राकेश श्रीवास्तव ने भी गैस पीडि़त होने का दावा करते हुए अपना आयुष्मान कार्ड बनवाया। गैस राहत विभाग के अस्पतालों में पदस्थ कई डॉक्टरों ने भी आयुष्मान कार्ड बनवा रखा है। राज्य प्रशासनिक सेवा और अन्य सेवा में पदस्थ प्रथम और द्वितीय वर्ग के अधिकारी, जो गैस पीडि़त हैं, उनमें भी कई के आयुष्मान कार्ड बने हैं। विदेश में नौकरी करने वाले कई लोगों के भी आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं।
इस मामले में सीएमएचओ गैस राहत सत्येंद्र एस राजपूत ने कहा कि गैस पीडि़तों को आयुष्मान कार्ड बनने की प्रक्रिया में बाधा का सामना करना पड़ रहा है। हम इस मामले में जल्द ही आयुष्मान सीईओ से बात करेंगे। लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा तरूण राठी ने कहा कि रूही खान एक आईएएस अफसर हैं। बड़े ओहदे पर होने के बावजूद वे आयुष्मान कार्ड क्यों बनवाना चाहती है? मैं इस मामले को दिखवाता हूं। आयुष्मान भारत योजना म.प्र. के सीईओ डॉ. योगेश भरसट का कहना है कि  मेरे संज्ञान में मामला आया है। किसी भी फैसले के पहले सभी पहुओं पर विचार किया जा रहा है। हालांकि अभी आयुष्मान कार्ड बनाने को लेकर कोई रोक नहीं है। साभार…

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