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जल जीवन मिशन में धांधली: अधिकारियों पर गिरी निलंबन की तलवार 6 निलंबित, 122 जांच के घेरे में

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जल जीवन मिशन के तहत निर्माणाधीन पाइप पेयजल योजनाओं की गुणवत्ता और समयबद्धता को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है. सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत बीते चार वर्षों में 183 अफसरों-कर्मचारियों पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है. इनमें से 122 अधिकारियों पर जांच बैठाई गई है और 55 को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है, जबकि 6 को निलंबित कर दिया गया है.

जल जीवन मिशन के कार्यों की गुणवत्ता को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरी तरह से गंभीर हैं. उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि योजनाओं में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. मिशन के अंतर्गत कार्यों की नियमित निगरानी और मूल्यांकन के आधार पर दोषी पाए गए अधिकारियों और कर्मचारियों पर एक्शन लिया जा रहा है.

अधिकारियों के खिलाफ की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई

जल जीवन मिशन के अंतर्गत अब तक सबसे अधिक कार्रवाई अधिशासी अभियंताओं पर की गई है. अभी तक 7 मुख्य अभियंताओं पर अनुशासनिक जांच के निर्देश दिए गए हैं. जबकि 4 के खिलाफ कार्रवाई की गई है. इसके अलावा 5 अधीक्षण अभियंताओं पर जांच और 7 के खिलाफ कार्रवाई गई है. 59 अधिशासी अभियंताओं पर जांच बैठाई गई है. वहीं 04 को निलंबित किया गया है. इसके साथ ही 32 सहायक अभियंताओं पर जांच बैठाकर 2 का निलंबन किया गया है. वहीं, 19 अवर अभियंताओं की अनुशासनिक जांच की गई है. इस तरह लापरवाही बरतने वाले कुल 122 अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनिक जांच, 55 को नोटिस जारी किया गया है और 6 का निलंबन किया गया है.

 

लापरवाही पर होगी कार्रवाई

सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कहा कि राज्य में विकास योजनाओं में लापरवाही बरतने वालों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश के हर घर तक समय पर और शुद्ध जल पहुंचे. इस दिशा में राज्य सरकार पूरी पारदर्शिता और प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है. राज्य के लोगों के लिए सरकार प्रतिबद्ध है.

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