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सेवा निवृत शिक्षक के मरणोपरांत देह दान का संकल्प हुआ पूरा
मुलताई।गायत्री परिवार के वरिष्ठ कार्यकर्ता एवं नगर के आंग्ल स्कूल में शिक्षक रहे स्व. दयाल सिंह चौहान 78 वर्ष का मंगलवार को भोपाल में निधन हुआ, वे जब से मुलताई आए थे तब से शिक्षक श्री चौहान सपरिवार गायत्री परिवार के सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में कार्य करते रहे,एवं अपने शिक्षकीय कार्य को करते हुए पूज्य गुरुदेव के विचारों को जन जन तक पहुंचाने निरंतर ज्ञान रथ भी चलाते रहे।इस कार्य में उनकी धर्म पत्नी मंगला चौहान ने भी उनका साथ दिया। उन्होंने अपने जीते जी अपने परिवार की पूर्ण सहमति से देहदान करने का संकल्प लिया था जो पूरा किया और गायत्री परिवार सहित उनके परिवार जनों को उपस्थिति में विधिविधान की प्रक्रिया के पश्चात उनका मृत शरीर एम्स हॉस्पिटल को सौंप दिया गया ।गायत्री परिवार द्वारा गायत्री शक्ति पीठ मुलताई के वरिष्ठ कार्यकर्ता एवं भाई बहनों ने उपस्थित होकर शोक सभा के माध्यम से स्व. दयाल सिंह चौहान की आत्मशांति एवं उनके परिवार को इस दुःख को सहन करने की शक्ति मिले इस निमित ईश्वर से प्रार्थना की एवं स्व दयाल सिंह चौहान को मौन श्रद्धांजलि देकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस शोक सभा में उपस्थित डॉ रामदास
गढ़ेकर, टीके चौधरी,यादोराव निंबालकर, सम्पत राव धोटे,नारायण देशमुख, गुलाबराव चिल्हाटे,निर्मला चौधरी,योगेश साहू रामसिंह अदभुते अमृत राव बारंगे,मनोहर बड़घरे, रामदास देशमुख, सुरेश माकोड़े,मीरा देशमुख,,कन्हैया सराठे ने उनके जीवन पर प्रकाश डाला एवं उपस्थित सभी परिजनों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।वहीं गायत्री परिवार ने दिल्ली में हुए बम धमाके में मृत हुए भाइयों की आत्म शांति के लिए भी ईश्वर से प्रार्थना कर श्रद्धांजलि दी गई।





