संध्या दैनिक खबरवाणी बैतूल
बैतूल का सपूत, राष्ट्र के लिए गढ़ रहे योद्धा: अशोक रघुवंशी
सेवानिवृत फौजी कर रहे हैं निःशुल्क ट्रेनिंग, अब तक 180 से अधिक युवाओं ने पहनी वर्दी
बैतूल।
देशभक्ति केवल शब्दों में नहीं, कर्मों से भी दिखाई देती है। बैतूल जिले के एक सपूत ने अपने जीवन को राष्ट्र की सेवा के लिए समर्पित कर दिया है। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं सेना से सेवानिवृत फौजी अशोक रघुवंशी की, जो अब जिले के बच्चों और युवाओं को देशसेवा के लिए तैयार कर रहे हैं।
अशोक रघुवंशी रोजाना सुबह 5 बजे से 7 बजे तक पुलिस ग्राउंड, बैतूल में निशुल्क ट्रेनिंग देते हैं। यह प्रशिक्षण केवल शारीरिक व्यायाम तक सीमित नहीं है, बल्कि अनुशासन, देशभक्ति और मजबूत मानसिकता का भी विकास करता है। उनका यह मिशन वर्ष 2022 से निरंतर जारी है और अब तक 180 से अधिक बच्चे उनके मार्गदर्शन में सेना, पुलिस, रेलवे और अन्य वर्दीधारी सेवाओं में चयनित होकर देशसेवा कर रहे हैं।
चाहे तपती गर्मी हो, कड़ाके की ठंड या फिर झमाझम बारिश – अशोक रघुवंशी हर दिन बिना रुके प्रशिक्षण देते हैं। उनकी यही लगन और जुनून युवाओं को प्रेरित करता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि रघुवंशी सर की वजह से बैतूल में युवाओं में देशसेवा के प्रति नई लहर दौड़ी है। उनके प्रयास से जिले के घर-घर से बच्चे आज वर्दीधारी बनने का सपना देख रहे हैं और उसे साकार भी कर रहे हैं।
युवाओं का कहना है कि “सर हमें न सिर्फ शारीरिक तौर पर मजबूत बनाते हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी तैयार करते हैं। उनका सपना है कि बैतूल से हर घर का एक बच्चा वर्दी में दिखे और हम सब उसी सपने को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।”
अशोक रघुवंशी कहते हैं –
“मैंने सेना की वर्दी पहनकर देश की सेवा की है। अब मेरी चाहत है कि बैतूल का हर युवा भी देश की सेवा में आगे बढ़े। यही मेरा जीवन का उद्देश्य है।”
उनकी निःस्वार्थ सेवा और समर्पण के लिए बैतूल जिले ही नहीं, पूरे प्रदेश को उन पर गर्व है। सच में, सलाम है ऐसे योद्धा को जो खुद सेवानिवृत्ति के बाद भी देश के लिए नए-नए योद्धा तैयार कर रहे हैं।
अशोक रघुवंशी सर, बैतूल के जीवन ज्योति! खुद सेना से सेवानिवृत होने के बाद भी देश की नयी युद्ध बाजू तैयार कर रहे हैं। ध्यान दें, ये हमेशा ही गर्मी, ठंड या बारिश में ट्रेनिंग देते हैं, वैसे ही जैसे कि हमें सपने में वर्दीधारी देखने आते हैं! युवाओं को इससे प्रेरणा मिलनी चाहिए, लेकिन हमें भी लगता है कि उनकी देशसेवा की तुलना में हमारी रात कल की टीवी की देशभक्ति धारावाहिक सीधी है। तात्कालिक तौर पर शारीरिक और मानसिक तैयारी देखकर हँसते हैं, लेकिन जब ये सपना बैतूल के हर घर में पूरा होना बनता है, तब हमें भी वर्दी पहनने की आदत आ जाएगी!MIM