Retierment : जहां से शुरू वहीं खत्म हुई नौकरी

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शाहपुर एसडीओपी महेंद्र सिंह मीणा कल होंगे सेवानिवृत्त

बैतूल{Retierment} – आमतौर पर ऐसा संयोग कम ही देखने को मिलेगा किसी जिले से नौकरी की शुरूवात करने वाले अधिकारी का रिटायर्डमेंट भी उसी जिले से हुआ हो। हम बात कर रहे हैं शाहपुर में पदस्थ एसडीओपी महेंद्र सिंह मीणा की। वैसे तो श्री मीणा की कार्यकुशलता और इंवेस्टीगेशन की हर जगह चर्चा होती है। यही कारण है कि उन्हें गंभीर और बड़े मामले की जांच दी जाती है। उनकी उत्कृष्ट कार्यशैली की वरिष्ठ अधिकारी भी सराहना करते हैं। श्री मीणा 30 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

बताया जाता है कि 1988 में उनकी पदस्थापना पुलिस विभाग में बतौर सब इंस्पेक्टर के रूप में हुई थी। उस समय उन्हें प्रोविशनल के तौर पर मुलताई थाने में पदस्थ किया गया था। परीविक्षा अवधि समाप्त होने के बाद उन्हें थाना प्रभारी रानीपुर, गंज चौकी प्रभारी, साईंखेड़ा थाना प्रभारी भी बनाया गया।

पांच साल तक बैतूल जिले में सेवाएं देने के बाद उनका 1993 में रायसेन जिला तबादला हो गया। यहां बाड़ी और भारकच्छ में उनकी पदस्थापना की गई। 1996 में भोपाल तबादला हुआ। यहां मिसरोद, बिल्किया, बरबलिया, गुनगा और नजीराबाद थाने का प्रभावी के रूप में उन्हें कार्य करने का मौका मिला। इसके बाद उनका प्रमोशन हुआ तो रायसेन जिले के बरेली सिलवानी में टीआई के पद पर रहे। होशंगाबाद के पिपरिया, सिवनी बनापुरा, हरदा, रायसेन के औबेदुल्ला गंज, बेगम गंज बतौर टीआई पदस्थ रहे। इसके बाद प्रमोशन हुआ तो बतौर डीएसपी भोपाल, क्राईम ब्रांच भोपाल, बुदनी एसडीओपी, मुख्यालय में डीएसपी के बाद उन्हें शाहपुर एसडीओपी बनाया गया जहां 40 माह उन्होंने अपनी सेवाएं दी। इस दौरान कभी उनके ऊपर कोई आरोप-प्रत्यारोप नहीं लगे बल्कि सुलझी हुई कार्यशैली के कारण हमेशा वरिष्ठ अधिकारियों के चेहते रहे।

दरोगा के ठाठ देखकर हुए थे आकर्षित

शाहपुर एसडीओपी महेंद्र सिंह मीणा ने बताया कि वह मूलत: विदिशा जिले के चंपाखेड़ी गांव में जन्मे थे। उनका पिता स्व.श्रीराम किशन पटेल किसान थे। छोटे दो भाईयों में एक किसान और एक डॉक्टर है। उन्होंने बताया कि उन्हें हमेशा से दरोगा का ठाठ बहुत आकर्षित करता था। इसी के चलते उन्होंने अपनी शिक्षा दीक्षा होशंगाबाद से पूर्ण करने के बाद पुलिस की नौकरी का रास्ता चुना और यहां तक पहुंचे।

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