नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक हुई। कैबिनेट की बैठक के दौरान कई बड़े फैसले लिए गए। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि मोदी कैबिनेट की बैठक में छह अहम फैसले लिए गए हैं। इनमें दो किसानों और फूड सेक्टर से जुड़े हैं। वहीं चार फैसले नॉर्थ-ईस्टर्न सेक्टर में रेलवे नेटवर्क को मजबूत बनाने के लिए हैं। अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) का बजट 1,920 करोड़ रुपए बढ़ाकर 6520 रुपए कर दिया गया है। इसमें लैब और इंफ्रा सुविधा बढ़ाने के लिए 1000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त मदद पर भी सहमति जताई गई। इससे किसानों को फूड प्रोसेसिंग में फायदा मिलेगा। वहीं, पीएमकेएसवाई को 4,600 करोड़ रुपए के आबंटन के साथ चालू वित्त वर्ष 2025-26 के अंत तक एक और वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है। नेशनल कोऑपरेटिव डिवेलपमेंट कॉरपोरेशन (एनसीडीसी) के लिए 2,000 करोड़ रुपए दिए गए हैं। इससे सहकारी समितियों (कोऑपरेटिव सोसाइटीज) को मजबूत किया जाएगा। इसके अलावा, चार रेलवे लाइनों के लिए 11,168 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है। इसमें इटारसी से नागपुर चौथी रेल लाइन के लिए 5,451 करोड़ रुपए दिए गए हैं।
वहीं, अलुआबाड़ी रोड से न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे लाइन के लिए 1,786 करोड़, छत्रपति संभाजीनगर-परभानी रेलवे लाइन दोहरीकरण के लिए 2,179 करोड़ और डंगोआपोसी-करौली रेलवे लाइन के लिए 1,752 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। मोदी कैबिनेट ने नेशनल कोऑपरेटिव डिवेलपमेंट कॉरपोरेशन (एनसीडीसी) को 2000 करोड़ रुपए की ग्रांट-इन-एड को मंजूरी दी। यह राशि चार सालों (2025-26 से 2028-29 तक) में हर साल 500 करोड़ रुपए की दर से दी जाएगी। यह फंड सहकारी संस्थाओं को नए प्रोजेक्ट शुरू करने, प्लांट का विस्तार करने और कार्यशील पूंजी (वर्किंग कैपिटल) की जरूरतों को पूरा करने के लिए लोन देने में इस्तेमाल किया जाएगा। ये लोन करीब 8.25 लाख सहकारी समितियों को जाते हैं, जिनमें 29 करोड़ सदस्य हैं। 94 फीसदी किसान इससे जुड़े हैं। ये संस्थाएं डेयरी, पशुपालन, मत्स्य पालन, चीनी, वस्त्र, खाद्य प्रसंस्करण, भंडारण, कोल्ड स्टोरेज, श्रमिक और महिला सहकारी क्षेत्रों में काम कर रही हैं।