RBI : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कर्ज लेने वालों को राहत देने और बैंकों के लिए कैपिटल राइजिंग आसान बनाने के लिए नए नियम लागू किए हैं। इन नियमों से ग्राहकों को सस्ते और लचीले लोन, ज्यादा विकल्पों वाला गोल्ड लोन, और बैंकों को कैपिटल जुटाने के आसान रास्ते मिलेंगे।
RBI ने जारी किए 7 अहम निर्देश
29 सितंबर को RBI ने बैंकों के लिए 7 बड़े निर्देश जारी किए। इनमें से 3 नियम 1 अक्टूबर से लागू हो जाएंगे जबकि 4 नियमों पर 20 अक्टूबर तक सुझाव मांगे गए हैं। नए नियमों से बैंक तुरंत ब्याज दरों में बदलाव कर सकेंगे, ग्राहकों से वसूले जाने वाले कुछ शुल्क घटाए जा सकते हैं और अब ग्राहक आसानी से पर्सनल लोन को फ्लोटिंग से फिक्स्ड रेट में बदल सकेंगे।
गोल्ड और सिल्वर लोन का दायरा बढ़ा
RBI ने गोल्ड और सिल्वर लोन की सीमा बढ़ा दी है। पहले यह सुविधा केवल ज्वैलर्स को मिलती थी, लेकिन अब सभी मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां जो बुलियन को कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल करती हैं, वे इसका लाभ उठा सकेंगी। साथ ही, टियर 3 और टियर 4 शहरों की शहरी सहकारी समितियां भी इस बिजनेस में शामिल हो सकेंगी। इससे छोटे शहरों के लोगों को भी ज्यादा आसानी से गोल्ड लोन मिल सकेगा।
कैपिटल रेगुलेशन में ढील
RBI ने बैंकों के लिए कैपिटल रेगुलेशन में भी ढील दी है। अब बैंक विदेशी मुद्रा और विदेशी रुपया बॉन्ड्स का इस्तेमाल एडिशनल टियर-1 कैपिटल के रूप में कर सकेंगे। इस बदलाव से भारतीय बैंकों को ग्लोबल मार्केट से कैपिटल जुटाने में आसानी होगी और उनका वित्तीय ढांचा बेसल-III के तहत और मजबूत होगा।
गोल्ड लोन चुकाने की समयसीमा बढ़ी
ड्राफ्ट नियमों में गोल्ड लोन की चुकाने की अवधि को 270 दिन तक बढ़ाने का प्रस्ताव है। इससे ग्राहकों को बड़ी राहत मिलेगी। इसके अलावा अब आउटसोर्स ज्वैलरी मैन्युफैक्चरर्स को भी इस योजना में शामिल किया जाएगा।
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तेज होगी क्रेडिट रिपोर्टिंग
RBI ने क्रेडिट रिपोर्टिंग सिस्टम को भी और बेहतर बनाने का प्रस्ताव रखा है। अब रिपोर्टिंग पखवाड़े में एक बार से बढ़कर हर हफ्ते होगी। इसमें यूनीक CKYC पहचान भी शामिल होगी, जिससे डेटा और सटीक और अपडेटेड मिलेगा। RBI ने इस पर सुझाव और आपत्तियां 20 अक्टूबर तक आमंत्रित की हैं।