Private doctor accused of wrong treatment : प्रायवेट डॉक्टर पर गलत इलाज का आरोप

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पीडि़त ने कोतवाली थाने में की शिकायत

Private doctor accused of wrong treatmentबैतूल – प्रायवेट डॉक्टर पर गलत इलाज करने का आरोप लगाते हुए पीडि़त ने कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई है। आरोप है कि दंत रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ने दूसरी बीमारी का इलाज किया जिसके कारण इंजेक्शन लगने के स्थान पर बच्चे को सूजन आ गई है। पीडि़त ने बच्चे का इलाज दूसरे डॉक्टर के यहां कराया। जिसमें उसको 15 हजार रुपए का खर्च आया है। जब पीडि़त पिता ने संबंधित डॉक्टर से शिकायत की तो उन्हें डॉक्टर ने धमकी दी जिसकी शिकायत उन्होंने कोतवाली में दर्ज कराई है। वहीं डॉक्टर ने आरोप खारिज करते हुए कहा कि उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा था और धमकी दी जा रही थी जिसकी शिकायत उन्होंने भी पुलिस से की है।

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डॉक्टर पर यह लगाए आरोप | Private doctor accused of wrong treatment

झारकुंड निवासी कुशल चौहान ने कोतवाली में दिए आवेदन में बताया कि 2 जुलाई को वे अपने बेटे योगेश्वर चौहान का इलाज कराने के लिए डॉक्टर अंतरिक्ष आजाद के यहां गए थे। डॉक्टर दंत रोग विशेषज्ञ हैं। डॉक्टर ने उनको बेटे को दो इंजेक्शन लगाए थे। जब बेटे को घर वापस ले गए तो उसकी हालत गंभीर हो गई जिसके बाद उसका इलाज दूसरे डॉक्टर के यहां कराया गया। इस इलाज के दौरान उनको 15 हजार रुपए का खर्च आया। इस मामले को लेकर कुशल चौहान डॉक्टर आजाद के यहां गए और उन्होंने पूरा मामला बताया तो उन्होंने धमकी दी। पीडि़त पिता ने पुलिस से मांग की है कि डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाही की जाए जिन्होंने गलत इलाज किया है।

डॉक्टर ने भी पुलिस को दिया आवेदन

दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. अंतरिक्ष आजाद ने बताया कि बच्चे को जबड़े में, छाती में और सिर में दर्द हो रहा था जिसके लिए मेरे द्वारा दर्द निवारण का इलाज किया गया। इसके बाद परिजनों ने इंजेक्शन लगने की जगह गर्म सिकाई कर दी जिससे उसे सूजन आ गई। इसको लेकर बच्चे के पिता मेरे पास आए थे और मुझे ब्लैकमेल कर 10 हजार रुपए मांग रहे थे। मेरे साथ गाली गलौज भी की गई। उसी समय मैंने 100 डायल पर फोन किया तो वो क्लीनिक से चले गए। इसके बाद मैंने भी पुलिस में आवेदन दिया है।

बच्चे को दी साइनस की समस्या | Private doctor accused of wrong treatment

बच्चे के पिता कुशल चौहान ने बताया कि योगेश्वर को साइनस की समस्या थी और उसे नाक बंद होने के कारण श्वांस लेने में दिक्कत होती थी। डॉक्टर आजाद के क्लीनिक के बाहर ईएनटी के इलाज का भी बोर्ड लगा है जिसके कारण वहां पर गए थे। जब डॉक्टर ने इंजेक्शन लगाया और उसे घर लेकर आए तो उसे पैनिक अटैक आया था जिससे वह घबरा गया और उसे तत्काल दूसरे डॉक्टर के यहां ले जाकर इलाज कराया।