Precautions: दीपावली नजदीक आने के साथ ही घर-घर में साफ-सफाई का काम तेज हो गया है, लेकिन शहर की सड़कों पर फैली धूल और वाहनों से निकलने वाला धुआं पर्यावरण को और ज्यादा प्रदूषित कर रहा है। गांवों में जलती पराली और दीपावली के समय होने वाले पटाखों के धुएं से प्रदूषण का स्तर और बढ़ जाता है। पटाखों के बारूद से निकलने वाला जहरीला धुआं हवा को अत्यधिक दूषित कर देता है, जो विशेष रूप से सांस के रोगियों के लिए खतरनाक हो सकता है।छाती और एलर्जी रोग विशेषज्ञ डॉ. तनय जोशी ने “नईदुनिया” के हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में इस समस्या के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि बदलते मौसम और प्रदूषण के बढ़ते स्तर से लोग अधिक प्रभावित हो सकते हैं, खासकर वो लोग जिन्हें धूल और धुएं से एलर्जी होती है। उन्होंने सुझाव दिया कि दीपावली के समय सफाई के दौरान और पटाखों से होने वाले प्रदूषण से बचने के लिए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
डॉ. जोशी के सुझाव:
खानपान में सावधानी: बदलते मौसम में पौष्टिक और हल्का भोजन करना चाहिए, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे।सफाई के दौरान एहतियात: जिन लोगों को धूल या धुएं से एलर्जी होती है, उन्हें साफ-सफाई के दौरान मास्क का उपयोग करना चाहिए।पटाखों से दूरी: जिन लोगों को सांस की तकलीफ है, उन्हें पटाखों के धुएं से दूर रहना चाहिए और खुले स्थानों पर कम समय बिताना चाहिए।प्रदूषण से बचाव: घर के बाहर निकलते समय मास्क पहनें और प्रदूषित स्थानों से बचने की कोशिश करें।सर्दियों के मौसम में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है, इसलिए इस दौरान विशेष रूप से स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी होता है।
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