महाकुंभ में माघी पूर्णिमा पर करोड़ों श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

By
On:
Follow Us

यूपी के प्रयागराज महाकुंभ में माघी पूर्णिमा पर करोड़ों श्रद्धालु स्नान कर रहे हैं. संगम नगरी में चारों तरफ सिर्फ भीड़ ही भीड़ है. शहर के चारों तरफ श्रद्धालुओं का रेला लगा हुआ है. लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ सुबह 4 बजे से मुख्यमंत्री आवास पर बने वॉर रूम से मेले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. प्रयागराज के संगम तट पर आयोजित महाकुंभ में माघ पूर्णिमा के पर्व पर डुबकी लगाने के लिए अभी भी लाखों लोग इंतजार में हैं. वहीं 1 करोड़ से अधिक लोग अबतक संगम में डुबकी लगा चुके हैं. बड़ा स्नान होने के कारण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने आला अधिकारियों के साथ वॉर रूम से महाकुंभ की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. महाकुंभ में लोगों की सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है. माघी पूर्णिमा के स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है. सुबह 8:00 बजे तक एक करोड़ दो लाख श्रद्धालुओं ने डुबकी लगा दी थी जिसमें 10 लाख कल्पवासियों और 92 लाख 13 हजार श्रद्धालु शामिल रहे. 11 फरवरी तक महाकुंभ में 46 करोड़ 25 लाख से ज्यादा लोग आस्था की डुबकी लगा चुके हैं.

माघ पूर्णिमा के अवसर पर प्रयागराज के बाद काशी में भी आस्था का जन सैलाब उमड़ पड़ा है. वाराणसी के शीतला घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट सहित अलग-अलग घाटों पर भारी संख्या में श्रद्धालु नजर आ रहे हैं. माघ पूर्णिमा के अवसर पर गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाते हुए वह भगवान सूर्य को अर्घ दे रहे हैं. माघ पूर्णिमा के दिन महाकुंभ में पांचवा शाही स्नान भी किया जाएगा. त्रिवेणी संगम पर स्नान के लिए करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ प्रयाग में जुटी है. कुंभ में शाही स्नान के लिए ब्रह्म मुहूर्त में बाद सुबह 08:25 से 09:49 और सुबह 11:12 से दोपहर 12:35 तक का समय रहेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माघ पूर्णिमा के पावन स्नान पर्व के अवसर पर प्रयागराज में व्यवस्थाओं की निगरानी के लिए प्रातः 4 बजे से ही=अपने सरकारी आवास 5 कालिदास मार्ग स्थित वॉर रूम में बैठक की. वॉर रूम में वह डीजीपी, प्रमुख सचिव गृह और मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारियों के साथ लगातार टीवी पर अपडेट लेते रहे और आवश्यक दिशा निर्देश भी देते रहे.

उत्‍तर प्रदेश के प्रयागराज में इन दिनों महाकुंभ का मेला चल रहा है. इस मेले की 13 जनवरी, 2025 से शुरुआत हुई थी, जिसका आखिरी अमृत स्नान महाशिवरात्रि यानी 26 फरवरी 2025 को किया जाएगा. हिन्दू धार्मिक परम्परा का यह सम्भवतः सबसे बड़ा आयोजन है. करोड़ों लोग गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर स्नान करते हैं. मेले के आयोजन को लेकर उत्‍तर प्रदेश की सरकार ने विशेष इंतज़ाम किए हैं. मेले में पहुंचने के लिए देश भर के ट्रेन रूट से स्‍पेशल ट्रेनों का संचालन रेलवे द्वारा किया जा रहा है. मेले में कई स्‍थानों पर प्रसाद, भोजन की व्‍यवस्‍था है. इस दुर्लभ मेले में शामिल होने के लिए लाखों लोगों का तांता लगा हुआ है. विदेशों से भी कई लोग यहां पहुंच रहे हैं और मेले की दिव्‍यता, भव्‍यता के साक्षी बन रहे हैं.