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Power supply: बिजली आपूर्ति में बाधा आने पर उपभोक्ताओं को मिलेगा हर्जाना

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शिकायत के बाद चार घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घंटे के भीतर करना होंगा सुधार कार्य 

Power supply: मध्य प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए यह महत्वपूर्ण खबर है कि अब बिजली आपूर्ति में बाधा आने पर तय समय सीमा के भीतर सुधार न होने पर उपभोक्ताओं को हर्जाना मिलेगा। शहरी क्षेत्रों में शिकायत के बाद चार घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घंटे के भीतर बिजली आपूर्ति बहाल करनी होगी। अगर इस निर्धारित समय सीमा में सुधार नहीं होता, तो उपभोक्ता हर्जाना मांगने का अधिकार रखेंगे। इसके अलावा, बिजली बिल में देरी, मीटर खराबी, या ट्रांसफार्मर खराबी जैसी शिकायतों का भी समय पर समाधान नहीं होने की स्थिति में उपभोक्ता मुआवजे के हकदार होंगे। पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने इन मानदंडों को लागू कर दिया है, और उपभोक्ताओं को इस माह के बिजली बिल के साथ इन मानदंडों की सूची भी प्रदान की जा रही है।  इंदौर में बिजली उपभोक्ताओं के लिए तत्काल प्रभाव से नए नियम लागू किए गए हैं, जो सेवा में देरी या समस्याओं के समाधान में देरी पर क्षतिपूर्ति का अधिकार प्रदान करते हैं। यह नियम केंद्र सरकार के निर्देशों के आधार पर तैयार किए गए हैं, और इंदौर की बिजली कंपनी ने इन्हें सबसे पहले लागू किया है।

मुख्य बिंदु:

  1. बिल सुधार की शिकायत: यदि किसी उपभोक्ता को बिल में त्रुटि की शिकायत होती है, तो इसे उसी दिन हल किया जाएगा। यदि अतिरिक्त जानकारी की आवश्यकता होती है, तो बिल सुधारने के लिए पांच दिनों का समय दिया गया है।
  2. अन्य सेवाओं पर समय सीमा: नए कनेक्शन देना, फेज परिवर्तन करना, और अन्य सेवाओं के लिए भी समय सीमा तय की गई है। इन सेवाओं में देरी होने पर उपभोक्ता मुआवजा मांग सकेंगे।
  3. बिल प्राप्ति में देरी: यदि किसी उपभोक्ता को अंतिम तिथि से कम से कम 10 दिन पूर्व तक बिजली बिल नहीं मिलता, तो भी वह मुआवजा मांग सकता है।
  4. शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के लिए अलग-अलग समय सीमा: दोनों क्षेत्रों के लिए अलग-अलग समय सीमाएं लागू की गई हैं, जिनके भीतर बिजली कंपनी को सेवाएं बहाल करनी होंगी।
  5. चुनौतियां: हालांकि, बिजली कंपनी के लिए इन नियमों का पालन करना चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है, क्योंकि कर्मचारियों और इंजीनियरों की कमी से कंपनी जूझ रही है। वर्षों से लाइन स्टाफ की भर्ती नहीं की गई है, जिससे सेवाओं के समय पर निर्वहन में दिक्कतें आ सकती हैं।

इस कदम से उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है, साथ ही कंपनी के लिए इसे लागू करना एक बड़ी जिम्मेदारी होगी।

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