सीएचपी से निकल रहा ज़हरीला लाल पानी, प्रदूषण नियंत्रण की जांच के बाद हरकत में आया प्रबंधन
सारनी, सतपुड़ा ताप विद्युत गृह के सीएचपी से लगातार लाला रंग का केमिकल युक्त पानी निकल रहा है। जिसे लेकर सारनी निवासी पर्यावरणविद् आदिल खान ने पाँच अगस्त को मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सूचना दी थी।
जिसके बाद गुरुवार को मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दल ने सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी का निरीक्षण किया था और जांच में पाया था की यह लाल पानी सीएचपी से निकल कर सीधे सतपुड़ा जलाशय में पहुँच रहा था। जिसपर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा विद्युत गृह के अधिकारियों को फटकार लगाई गई थी और नाराज़गी भी जताई गई थी।निरीक्षण के बाद शुक्रवार दोपहर से सतपुड़ा ताप विद्युत गृह के अधिकारियों के माध्यम से इसकी रोकथाम का प्रयास किया जा रहा है, अधिकारियों के एक दल ने इसके सीएचपी की दीवार के नीचे से हो रहे रिसाव वाले क्षेत्र का निरीक्षण किया। वहीं शुक्रवार दोपहर से ही कुछ मज़दूर लगाकर यहाँ पर खुदाई करवाई जा रही है ताकि लाल पदार्थ को छुपाया जा सके।
आदिल ने बताया कि मेरे माध्यम पाँच अगस्त को सूचना दी गई थी जिस पर निरीक्षण करने चार सितंबर को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम सारनी पहुँची थी और उनके माध्यम से सैंपल भी लिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि इस लाल रंग के पानी में अनेक ज़हरीले तत्व (हैवी मेटल्स) मौजूद हैं और यह पानी सीधे सारनी को पानी की आपूर्ति करने वाले सतपुड़ा जलाशय में मिल रहा है। जिससे बिमारियों के फैलने की संभावना है और जलाशय की जैव विविधता को भी नुक़सान पहुँच रहा है। कुछ रिसर्च पेपर के मुताबिक़ इसमें लेड, आयरन, क्रोमियम, आर्सेनिक जैसे तत्व मौजूद हो सकते हैं जिस वजह से ये पानी जिस भी चीज़ से टकराता है उसे लाल कर देता है। इन पदार्थों से कैंसर, बच्चों के दिमाग़ी विकास रुकने जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा होता है।