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बारिश में मासूम बच्चें की जान से खिलवाड़

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बारिश में मासूम बच्चें की जान से खिलवाड़

मुलताई ब्लॉक की ग्राम पंचायत सांईखेड़ा के प्राइमरी स्कूल में नाले की बाढ़ और कचरे के बीच पढ़ रहे बच्चे

सांध्य दैनिक खबरवाणी, बैतूल

कक्षा पहली में पढऩे वाले 4 से 5 साल के बच्चे की ऊंचाई दो से ढाई फिट…और स्कूल के चारों ओर इतना ही पानी यदि गलती से बच्चा पानी में चला गया तो क्या होगा…इसका अंदाजा लगाया जा सकता है, ये हाल है मुलताई ब्लॉक की सांईखेड़ा ग्राम पंचायत के प्राइमरी स्कूल के, न तो पानी निकासी की जगह है और न ही सफाई के कोई प्रबंध हैं, आए दिन बारिश में पास का नाला उफन जाता है जिसका पानी बाढ़ के रूप में स्कूल को घेर लेता है, लेकिन शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं वहीं लगभग चार साल पहले वर्ष 2021 में इस क्षेत्र में पानी की निकासी और कचरे के प्रबंधन के लिए दिए गए ग्राम पंचायत के आवेदन पर भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
पहली से कक्षा पांचवी तक यहा कई बच्चे पढ़ाई करने आते हैं, तेज बारिश के समय स्कूल में अंदर तक पानी घुस जाता है जिसके कारण क्लास गीली रहती है, बैठने की व्यवस्था बदहाल हो जाती है जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई बारिश के चार महीने बुरी पतरह से प्रभावित रहती है। इस स्कूल के प्राचार्य से लेकर शिक्षक एवं आस-पास के वरिष्ठ लोगों तथा ग्राम पंचायत ने भी पत्र लिखे लेकिन स्कूल की सुरक्षा व्यवस्था या यहां पानी की निकाली और कचरा प्रबंधन के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए, एक तरह से इस स्कूल में बारिश के समय बच्चों की जान खतरे में ही रहती है।

नाले और खेतों से निकलने वाले जहरीले कीड़ों का भी डर

स्कूल करीब नाला बहता है जो बारिश के समय रौद्र रूप ले लेता है, इस नाले में बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं। स्कूल में बाउंड्रीवाल के नीचे पानी निकाली के लिए जगह बनाई गई है, लेकिन जिस हिसाब बड़ी मात्रा में बारिश का पानी स्कूल परिसर में समाता है उस हिसाब से ये व्यवस्था पर्याप्त नहीं है। यहां पर स्कूल को सुरक्षित करने के लिए नाले का प्रबंधन करना बेहद जरूरी है, इसके अलावा यहां ख्ेातों और नाले से निकलने वाले जहरीले कीड़े भी पानी में बहकर स्कूल की जद में आ जाते हैं जिससे बच्चों को खतरा रहता है।

बारिश और नाले के गंदे पानी से संक्रमण का भी खतरा

पीएम मोदी के जन्मदिन पर देशभर में स्वच्छता पखवाड़ा मनाया जा रहा है, लेकिन ग्रामीण अंचलों इसका कितना असर है यह उपरोक्त फोटो से स्पष्ट समझ आ सकता है। सबसे बड़ी बात यह है कि जो पानी स्कूल परिसर में कक्षाओं तक समाता है वह पानी नाले से होकर आता है, यानी यह पानी पूरी तरह से प्रदूषित और गंदगी से गुजरकर आता है इस गंदे पानी में भीगने वाले बच्चों को संक्रमण का खतरा बना रहा है। इसके अलावा ज्यादातर वायरल फीवर और अन्य बुखार के मरीज बारिश के मौसम में ही बढ़ते हैं।

विधायक बोले मैं बीईओ से कहकर मामले को दिखवाता हूं
मुलताई विधायक चंद्रशेखर देमुशख ने इस ंसबंध में कहा कि स्कूल की हालात आपके द्वारा संज्ञान में लाए गए हैं, मैं ब्लॉक शिक्षा अधिकारी से कहकर तुरंत ही स्कूल की स्थिति को दिखवाता हूं, जो उचित होगा वह करवाया जाएगा।

इनका कहना है
पंचायत द्वारा वर्ष 2021 में इस क्षेत्र में पानी निकासी और कचरे के प्रबंधन के लिए आवेदन दिया था, लेकिन चार साल बीते के बाद भी आज तक उस आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
हेमराज बबलू गावंडे, सरपंच सांईखेड़ा

इनका कहना है
यहां जो सडक़ बनी है वह ऊंची है, इसी वजह से जलभराव की स्थिति बन रही है, मैं सीईओ साहब से बात करके और पंचायत स्तर पर दिखवाता हूं क्या बेहतर हो सकता है।
सक्षम बारमाटे, बीईओ, मुलताई

इनका कहना है
प्राइमरी स्कूल में पानी भराव की समस्या गंभीर है, इसके कारण बच्चों को खतरा बना रहता है। विधायक जी से कहकर एवं कलेक्टर से मिलकर इस मामले में त्वरित कार्रवाई करने के लिए पत्र दिया जाएगा।
लोकेश साहू, जनपद सदस्य, मुलताई

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