रायपुर : राजधानी रायपुर स्थित ऐतिहासिक टाउन हॉल में जनसंपर्क विभाग द्वारा आयोजित “छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं राज्य सरकार की उपलब्धियों” पर आधारित सात दिवसीय छायाचित्र प्रदर्शनी का आज समापन हुआ। यह प्रदर्शनी 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा शुभारंभ की गई थी।
प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ के वीर क्रांतिकारियों की गाथाओं, उनके संघर्षों और स्वतंत्रता आंदोलन में निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिकाओं को आकर्षक छायाचित्रों, दस्तावेजों और जीवन प्रसंगों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। साथ ही, राज्य सरकार की महतारी वंदन योजना, कृषक उन्नति योजना, रामलला दर्शन योजना, पीएम जनमन योजना, महिला सशक्तीकरण एवं जनदर्शन जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं की झलक भी आगंतुकों को देखने को मिली।
विद्यार्थियों में रहा खास उत्साह
सात दिनों तक आयोजित “खेलो छत्तीसगढ़ ज्ञान प्रतियोगिता” और वर्चुअल रियलिटी गेम्स प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण रहे। प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ के राजकीय वृक्ष, पुष्प, राष्ट्रीय उद्यान, सिरपुर कला शैली, बस्तर क्राफ्ट, जशपुर के जलप्रपात और सरगुजा के खनिजों से जुड़े प्रश्न पूछे गए। परी मानिकपुरी (संत कंवर राम विद्यालय) ने सभी प्रश्नों के सही उत्तर देकर प्रथम स्थान प्राप्त किया। वहीं, दुर्ग की पायल शर्मा और रायपुर की गीता गुप्ता ने वर्चुअल रियलिटी गेम्स में सक्रिय भागीदारी कर प्रदर्शनी को और जीवंत बनाया।
जन-जन ने की सराहना
प्रदर्शनी में बड़ी संख्या में विद्यार्थी, प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवा, समाज के विभिन्न वर्गों के लोग तथा इतिहास प्रेमी शामिल हुए। छात्रा गायत्री धीवर और खुशबू साहू ने इसे स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्षों को समझने का अनूठा अवसर बताया। रायपुर निवासी कावेश रघुवंशी ने कहा कि ऐसे आयोजन समय-समय पर होते रहना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ी अपने इतिहास और संस्कृति से जुड़ सके।
ज्ञान और संस्कृति का संगम
समापन अवसर पर आगंतुकों को राज्य सरकार की योजनाओं पर आधारित पुस्तकों का निःशुल्क वितरण भी किया गया। साथ ही, प्रदेश की उपलब्धियों पर आधारित एक विशेष डॉक्यूमेंट्री फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया जिसने दर्शकों का ध्यान खींचा।
यह प्रदर्शनी न केवल स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के संघर्ष और योगदान को उजागर करने में सफल रही, बल्कि नई पीढ़ी को छत्तीसगढ़ की गौरवशाली परंपराओं, संस्कृति और उपलब्धियों से भी परिचित कराने का एक सशक्त माध्यम बनी।