समर्थन मूल्य, ऋण वसूली और राशन दुकानों का कार्य प्रभावित, लंबित मांगों को लेकर प्रदेश व्यापी आंदोलन कर रहे हैं कर्मचारी
बैतूल/चिचोली – वित्तीय वर्ष के आखरी महीने मार्च में सहकारी कर्मचारी संघ ने विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश व्यापी आंदोलन के तहत हड़ताल शुरू कर दी है। इस हड़ताल से खासतौर पर किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। सहकारी कर्मचारियों के कलम बंद हड़ताल प्रारंभ कर देने से समर्थन मूल्य खरीदी जो कि वर्तमान में चने की हो रही है और 1 अप्रैल से गेहूं की शुरू होना है।
इसके अलावा मार्च क्लोजिंग में ऋण वसूली, केसीसी पर भी असर पड़ेगा। आंदोलन के चलते आदिम जाति सहकारी समिति के द्वारा संचालित राशन दुकानें पूरे जिले में प्रभावित होंगी। साथ ही खाद, बीज वितरण व्यवस्था भी ठप्प हो जाएगी।

ज्ञापन सौंपते समय ब्लॉक अध्यक्ष रामदयाल यादव, राजेंद्र मकोड़े, रुपेश सोनारे, बलीराम यादव ,प्रभात यादव, गणेश कहार , प्रमोद आर्य बबन आर्य ,चेतराम भनारे , शिवदीन सलामे , सुमरत धुर्वे नेहा आर्य, कलावती इवने सहित अन्य मौजूद थे।
हड़ताल पर गए 700 कर्मचारी

मध्यप्रदेश सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ के प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष लखन यादव ने बताया कि सहकारी समिति कर्मचारी शुक्रवार से हड़ताल पर चले गए हैं जिससे समितियों में होने वाले कार्य प्रभावित हुए। उन्होंने बताया कि बैतूल जिले के करीब 700 कर्मचारी इसमें शामिल हैं। जिले में 91 आदिम जाति सहकारी समिति सहित 637 शासकीय उचित मूल्य दुकानों का कार्य प्रभावित होगा।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ के तत्वाधान में विभिन्न मांगों को लेकर ब्लॉक इकाई के सहकारी समिति संस्था प्रबंधक, संस्था लिपिक, संस्था ऑपरेटर व उचित मूल्य दुकान के सेल्समेन, संस्था चौकीदार, भृत्य, हड़ताल पर चले गए।
समान वेतन दिए जाने की मांग
हड़ताल पर जाने से पूर्व शुक्रवार को तहसील कार्यालय चिचोली में तहसीलदार को प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर बताया कि सहकारिता कर्मचारियों को शासकीय कर्मचारी के समान वेतन दिया जाए एवं नियमित किया जाए। जिन कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है उन पर कार्यवाही वापस ली जाए। कैडर भर्ती संस्था के कर्मचारी से ही होना चाहिए।
यह कार्य होंगे प्रभावित
सहकारी कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से राशन उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं सहकारी समिति में किसानों का कर्ज जमा किया जाना है। जिसकी अंतिम तिथि 28 मार्च तय की गई है। इसके बाद किसानों को पेनल्टी लगाई जाएगी। लेकिन सहकारी समिति कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से किसानों को कर्ज जमा नहीं हो सका है एवं ऋण वितरण का बिक्री वसूली भी प्रभावित हुई।
राशन के लिए परेशान होते रहे उपभोक्ता
हड़ताल की वजह से राशन उपभोक्ता व किसान सहकारी समितियों व उचित मूल्य की दुकानों के चक्कर लगाते रहे। ब्लॉक अध्यक्ष रामदयाल यादव, राजेंद्र मकोड़े, प्रभात यादव ने बताया सहकारिता कर्मचारी लंबे समय से नियमितीकरण को लेकर मांग की जा रही है। विकासखंड में हमारे क्षेत्र में 4 सहकारी समितियां व 38 राशन की दुकाने आती है, जो हड़ताल के चलते संचालित नहीं हो सकी है।
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