बाल्टियां भर भर कर मिलेगा दूध
Pashu Palan – आज के समय में पशुपालन हमारे देश के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों का एक पसंदीदा पेशा बन रहा है। पशुपालन करने वाले किसान अधिकांशत: दुधारू नस्ल के गाय और भैंसों को पालना पसंद करते हैं। इसके साथ ही, कमाई के दृष्टिकोण से भी दुधारू पशु पालन एक लाभकारी व्यवसाय बन रहा है, लेकिन कई बार लोग पशुपालन करके अधिक लाभ नहीं कमा पाते। पशुपालन शुरू करने से पहले पशुओं के पालन-पोषण की अच्छी जानकारी होनी चाहिए, तभी इसमें सफलता मिल सकती है। अगर आप भी डेयरी फार्मिंग या पशुपालन से जुड़े व्यवसाय की शुरुआत करना चाहते हैं, तो बरसीम घास के बारे में अच्छी तरह से जानकारी प्राप्त करें।
बरसीम घास विशेष रूप से महत्वपूर्ण | Pashu Palan
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बरसीम घास किसानों और पशुपालकों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होती है। इसे पशुओं के आहार में मिलाने से उनकी दूध देने की क्षमता में वृद्धि होती है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम जानें कि बरसीम क्या है और कैसे और कब पशुओं को इसे खिलाना फायदेमंद होता है।
बरसीम घास चारे की एक विशेष किस्म है। इसे प्राकृतिक रूप से नहीं उगाया जाता, बल्कि पशुओं के चारे के लिए इसकी विशेष खेती की जाती है। यह एक दलहनी फसल के रूप में भी पहचानी जाती है। रबी सीजन में पर्याप्त पानी की सुविधा वाले क्षेत्रों में बरसीम की खेती की जाती है।
डेढ़ से दो महीने के बाद कटाई | Pashu Palan
लगभग डेढ़ से दो महीने के बाद आप बरसीम घास की कटाई कर सकते हैं। यह घास तेजी से उगने के लिए मशहूर है, इसलिए आप इसे 30 से 35 दिनों के अंतराल में पांच से छह बार काट सकते हैं। बरसीम की बुआई से खेतों की उर्वरा शक्ति में भी वृद्धि होती है।
गर्मियों के साथ-साथ पशुओं की दूध देने की क्षमता में कमी हो सकती है। इस समय में पशुओं के दूध बढ़ाने के लिए पर्याप्त हरा चारा और दाने की सुविधा करनी चाहिए। बरसीम घास पशुओं के दूध बढ़ाने में मददगार होती है। इसे काटकर भूसे में मिलाना फायदेमंद होता है। प्रति तीन किलो भूसे में डेढ़ किलो बरसीम घास मिलाकर खिलाना बेहतर होता है। इसमें पोषक गुणों का समृद्ध स्रोत होता है और पचने में भी आसानी होती है। पशुओं को नियमित बरसीम खिलाने से उनका दूध बढ़ता है और स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।
यदि पानी की व्यवस्था है, तो बरसीम घास को थोड़ी सी जगह में भी उगा सकते हैं। यह घास तेजी से बढ़ने के साथ-साथ मिट्टी की उर्वरा शक्ति को भी बढ़ाने में मददगार है। ग्रामीण क्षेत्रों में कई लोग बड़े पैमाने में बरसीम की खेती करते हैं और शहरों में रहने वाले डेयरी फार्मस को बेचते भी हैं। बरसीम नाम का यह चारा आपके पशुओं का दूध बढ़ाने के साथ-साथ आर्थिक स्थिति को भी सुधार सकता है।