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लीलाझर पंचायत में विकास योजनाओं की खुली लूट

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लीलाझर पंचायत में विकास योजनाओं की खुली लूट

सरपंच और रोजगार सहायक ने मिलकर मनरेगा, नल-जल, एसबीएम जैसी योजनाओं को बनाया कमाई का जरिया
ग्रामीणों ने जनसुनवाई में की तालाब और नाली निर्माण में घोटाले की शिकायत

फोटो –

बैतूल:-  आमला ब्लॉक की ग्राम पंचायत लीलाझर में मनरेगा सहित अन्य सरकारी योजनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और घोटालों की शिकायत सामने आई है। ग्रामीणों द्वारा जनसुनवाई में पंचायत के सरपंच और रोजगार सहायक पर अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी राशि के दुरुपयोग और फर्जीवाड़े के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि मनरेगा योजना के अंतर्गत वर्ष 2023-24 और 2024-25 में कराए गए कार्यों में भारी गड़बड़ियां की गई हैं। सबसे बड़ा मामला खरपोड़ा नदी पर बनाए गए स्टॉप डैम का है, जिसकी स्वीकृत राशि लगभग 5.75 लाख है। ग्रामीणों के अनुसार सरपंच और रोजगार सहायक ने इस कार्य के लिए फर्जी मस्टर रोल तैयार किए और अपने परिवारजनों व अन्य जान-पहचान के लोगों के नाम दिखाकर सरकारी राशि का आहरण कर लिया। कार्य स्थल पर वास्तविक मजदूरों ने काम नहीं किया, जिससे काम की गुणवत्ता भी सवालों के घेरे में है।
इसी तरह दूसरा मामला खेत तालाब निर्माण कार्य से जुड़ा है। ग्रामीणों ने बताया कि यह तालाब सरपंच ने अपने निजी खेत में पोकलेन मशीन से खुदवाया है जबकि पोर्टल पर 972,98,3 का भुगतान दर्शाया गया है। यह भी बताया गया कि मजदूरों की हाजिरी फर्जी दर्शाई गई और किसी को रोजगार नहीं दिया गया। यह भी मनरेगा के नियमों का खुला उल्लंघन है।

– नाली और नाड़प लीच पीट निर्माण में भी राशि का दुरुपयोग
पंचायत में स्थित ईजीएस स्कूल की बाउंड्री वॉल निर्माण में भी अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण कार्य में आवश्यकता से अधिक राशि का गबन किया गया है। साथ ही एसबीएम योजना के तहत बनाई गई नाली और नाड़प लीच पीट निर्माण में भी राशि का दुरुपयोग हुआ है।
इसके अलावा, लिलाझर पंचायत में प्रधानमंत्री नल जल योजना वर्ष 2018 से संचालित है। ग्रामीणों ने बताया कि इस योजना के तहत घर-घर नल कनेक्शन दिए गए हैं और पंचायत द्वारा नियमित रूप से जल कर की वसूली भी की जा रही है, लेकिन अब तक जल कर के बिल नहीं भरे गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अब तक लगभग 7 से 10 लाख रुपए की राशि जनता से वसूल कर गबन कर ली गई है। यह राशि कहां जमा की गई, इसकी कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है।
उच्चस्तरीय जांच की मांग
इन तमाम मामलों को लेकर ग्रामीणों ने जनसुनवाई में आवेदन प्रस्तुत किया है। आवेदन देने वालों में संदीप भादे, महेंद्र पवार, गोलू भादे, दीपेश परिहार, रामराज बोबडे, गीतेश बोबडे, भूपेंद्र बोबडे और कुलदीप भादे शामिल हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि इन सभी मामलों की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए ताकि पंचायत की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता बनी रहे और आम जनता का विश्वास कायम रह सके।

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