Online RTI – ये है घर बैठे RTI फाइल करने का आसान तरीका 

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ऑनलाइन ले सकते हैं सरकारी विभाग की जानकारी 

Online RTIसूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 (RTI) भारतीय नागरिकों को सार्वजनिक प्राधिकरणों से जानकारी प्राप्त करने का अधिकार प्रदान करता है। इस कानून के तहत, कोई भी व्यक्ति संबंधित सार्वजनिक प्राधिकरण से विभिन्न जानकारी के लिए आवेदन कर सकता है, जैसे कि दस्तावेज, रिपोर्ट या अन्य सूचनाएं।

RTI पोर्टल पर जाएं। भारत सरकार के सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक आरटीआई पोर्टल तैयार किया है, जिससे आप ऑनलाइन आरटीआई आवेदन कर सकते हैं। पोर्टल पर जाने के लिए, आप यहाँ क्लिक कर सकते हैं: https://rtionline.gov.in/

पंजीकरण करें। पोर्टल पर पंजीकरण करने के लिए, आपको अपना नाम, पता, ईमेल पता, और मोबाइल नंबर देना होगा। आपको एक पासवर्ड भी बनाना होगा। अपना आवेदन भरें।

आवेदन भरते समय, आपको निम्नलिखित जानकारी देनी होगी | Online RTI

a. सूचना का विषय
b. सूचना की आवश्यकता का कारण
c. सूचना की आवश्यक मात्रा
d. जानकारी प्राप्त करने के लिए पसंदीदा तरीका

आवेदन शुल्क का भुगतान करें। आवेदन शुल्क की राशि सूचना के प्रकार पर निर्भर करती है।

अपना आवेदन जमा करें। आवेदन जमा करने के लिए, आपको “जमा करें” बटन पर क्लिक करना होगा।

आरटीआई आवेदन के लिए, आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:

a. आधार कार्ड या किसी अन्य पहचान पत्र की प्रति
b. पते का प्रमाण पत्र
c. आवेदन शुल्क का भुगतान के लिए डेबिट, क्रेडिट कार्ड या नेट बैंकिंग की जानकारी।

ऑनलाइन RTI के फायदे | Online RTI 

a. यह तंत्र आसान और सुगम होता है।
b. यह समय और धन की बचत करता है।
c. इससे पारदर्शिता और जिम्मेदारी बढ़ती है।

सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 (RTI) के अनुसार, किसी भी सार्वजनिक प्राधिकरण को RTI अनुरोध प्राप्त होने के बाद 30 दिनों के भीतर जानकारी प्रदान करनी चाहिए। अगर संस्था समय पर जानकारी प्रदान नहीं करती है, तो आवेदक को अपील करने का अधिकार होता है।

लेकिन कुछ मामलों में, संस्था को 30 दिनों से अधिक समय लग सकता है जब | Online RTI

यदि आवेदन में अधिक जानकारी की आवश्यकता होती है।
जब आवेदन में जानकारी प्रदान करने के लिए अधिक समय और प्रयास चाहिए होते हैं।
जब आवेदन में संवेदनशील या गोपनीय जानकारी शामिल होती है।
यदि सार्वजनिक प्राधिकरण 30 दिनों से अधिक समय तक जानकारी प्रदान करने में विलंब हो रहा है, तो वह आवेदक को सूचित करना चाहिए। साथ ही, उसे देरी के कारण और अनुमानित जानकारी प्रदान करने की तारीख भी बतानी चाहिए।
यदि सार्वजनिक प्राधिकरण 30 दिनों से अधिक समय तक जानकारी प्रदान नहीं करता, तो आवेदक संबंधित लोक सूचना आयोग में अपील कर सकता है। लोक सूचना आयोग आवेदक को उचित राहत दिलाने में सक्षम होता है।

Source – Internet