5 दिन में 100 से बढ़कर 125 रुपए प्रति लीटर
Oil industry: सोयाबीन तेल की कीमतों में तेज़ी सोयाबीन तेल की कीमतों में तेज़ी का असर न केवल उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है, बल्कि इसका व्यापक प्रभाव कृषि और तेल उद्योग पर भी देखने को मिल रहा है। सोयाबीन तेल की कीमत 5 दिन में 100 से बढ़कर 125 रुपए प्रति लीटर हो गई है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि तेल की कीमतें 150 रुपए के पार जाएंगी। इसका असर ये होगा कि हर महीने 5 लीटर तेल की खपत करने वाले परिवार पर 150 से 180 रुपए का भार बढ़ेगा।
इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाने के कारण तेल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, जिससे उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ रहा है। जिन परिवारों में तेल की खपत 5 लीटर प्रति माह है, उन्हें सालाना 2,000 से 2,500 रुपये का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा।इस मूल्य वृद्धि से किसानों को अधिक लाभ मिलने की उम्मीद है, खासकर मध्यप्रदेश में, जो देश का 42% सोयाबीन उत्पादन करता है। इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाने से देश में सोयाबीन की मांग बढ़ेगी, जिससे किसानों को मंडियों में बेहतर दाम मिल सकते हैं। वहीं, सोया इंडस्ट्री, जो पिछले कुछ वर्षों से आर्थिक समस्याओं का सामना कर रही थी, अब इम्पोर्ट ड्यूटी के कारण मुनाफा कमाने की उम्मीद कर रही है।हालांकि, तेल की बढ़ती कीमतों के कारण उपभोक्ता और होटल-रेस्टोरेंट्स पर महंगाई का असर पड़ेगा। इस बीच, एक्सपर्ट्स का कहना है कि लंबे समय में किसानों को इसका अधिक लाभ मिलेगा, क्योंकि मंडियों में सोयाबीन की मांग और दाम में वृद्धि होगी।
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