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बैतूल में ‘टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ’ ऑफिस को प्रशासनिक क्षेत्र जाने से एतराज..?

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बैतूल में ‘टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ’ ऑफिस को प्रशासनिक क्षेत्र जाने से एतराज..?

सालों से कंप्यूटर ऑपरेटर के भरोसे चल रही है प्रशासन की महत्वपूर्ण शाखा…

खबरवाणी न्यूज, बैतूल

जिले का सहायक संचालक नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय वर्षों से कंप्यूटर ऑपरेटर के भरोसे चल रहा है, लगातार प्रभारी सहायक संचालक छिंदवाड़ा में पदस्थ होने से यहां वर्षों से जमे हुए कंप्यूटर ऑपरेटर लोकेंद्र पाराशर सर्वेसर्वा बने हुए हैं। सहायक संचालक परस्ते द्वारा न तो बैतूल कार्यालय में कार्यालयीन दिवस निर्धारित हैं जिसके चलते कार्यालयीन प्रक्रिया लगातार बाधित हो रही है।
सहायक संचालक कार्यालय कई वर्षों से नगर के आवासीय क्षेत्र के एक किराए के मकान में संचालित है और लोकेशन ऐसी है कि सामान्य तौर पर शहर में रहने वाला आम आदमी इसे आसानी से नहीं ढूंढ सकता। कई बार इस कार्यालय को प्रशासनिक क्षेत्र में ले जाने की बात उठी ताकि अन्य प्रशासनिक प्रक्रियाएं भी एक ही स्थान पर संपन्न हो सकें परंतु कंप्यूटर ऑपरेटर लोकेंंद्र पाराशर की जिद और दबदबे के चलते यह कार्यालय इसी स्थान पर जमा हुआ है। चूंकि यह निजी संपत्ति है इसलिए यहां पर किसी तरह का निर्माण एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं नहीं की जा सकती। हालात यह है कि यदि किसी व्यक्ति को फोटोकॉपी भी करानी हो तो उसे वाहन से जाकर ही फोटो कॉपी करानी होती है, क्योंकि कार्यालय आवासीय क्षेत्र में स्थित है। इस संदर्भ में जब सहायक संचालक परस्ते से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। हालत यह है कि श्रीमान पारशर फाइलों को क्लीयर कराने के लिए समय-समय पर छिंदवाड़ा जाते रहते हैं। जिससे प्रक्रिया में समय भी लगता है और प्रक्रिया में लगने वाला विशेष शुल्क भी कंप्यूटर ऑपरेटर महोदय की मर्जी से घटता बढ़ता रहता है। पूर्व में कई बार इनकी शिकायत जनप्रतिनिधियों द्वारा भी की गई पर इनका जलवा ऐसा है कि इनकी गद्दी है कि टस से मस नहीं होती। यहां तक कि इन पर रिश्वत लेने के आरोप की पुलिस अधीक्षक कार्यालय में लगभग डेढ़ वर्ष से जांच लंबित है। जिसमें फरियादी द्वारा बिना आर्किटेक्ट से नक्शा बनवाए बिना नक्शा पास करने का आरोप है। वहीं प्लानिंग एरिया के बाहर से जो भी कॉलोनाईजर या व्यक्ति नक्शा पास कराने आता है उसे भी यह टीएनसीपी अनुमति के लिए बाध्य कर शासकीय और अशासकीय शुल्क लेने से परहेज नहीं करते। क्योंकि नियमों से अनजान व्यक्ति को इस बात की जानकारी नहीं कि प्लानिंग एरिया के बाहर टीएनसीपी का कार्यक्षेत्र नहीं होता है। टीएनसीपी के कार्यालय को प्रशासनिक क्षेत्र में शिफ्ट नहीं करने के पीछे बड़ा कारण यह बताया जाता है कि यदि यह कार्यालय प्रशासनिक क्षेत्र में शिफ्ट हो जाएगा तो इनकी कारगुजारियां और मिलने जुलने वाले लोग सार्वजनिक हो जाएंगे। इसलिए छोटी से गली में चल रहे कार्यालय को वर्षों से वहीं पर स्थापित करके रखा है जबकि जिला प्रशासन के कार्यालय पिछले कुछ समय में नए समग्र कलेक्ट्रेट के अलावा आस-पास के भवनों में स्थानांतरित हो गए हैं और सीसीटीवी कैमरा, फोटो कॉपी मशीन, एयर कंडिशन जैसी सुविधाओं से सुसज्जित हैं।
सरकार कोई भी कंप्यूटर ऑपरेटर महोदय का जलवा बरकरार है। सूत्र बताते हैं कि वर्तमान जनप्रतिनिधि की जमीन को भी इन्होंने ग्रीन बेल्ट में शामिल कर दिया था जिससे वह जनप्रतिनिधि अब तक जूझ रहे हैं।
बिल्डर एसोसिएशन की संस्था क्रेडाई द्वारा पूर्व में इनके खिलाफ शिकायत की गई थी और इन्हें हटाने की मांग की गई थी और तत्कालीन विधायक द्वारा भी आश्वासन दिया गया था कि इस मामले में जल्द कार्रवाई की जाएगी।

परदे के पीछे ही सुकून

दरअसल टीएनसीपी ऐसा कार्यालय हैं जहां पर जमीनों के नक्शे पास किए जाते हैं ताकि उस पर निर्माण किया जा सके और इसमें विशेष तौर पर कॉलोनाईजर और बिल्डरों का आना-जाना होता है, इन मामलों में मोटी सौदेबाजी करने के लिए या तो कार्यालय ऐसे स्थान पर जहां आवागमन बहुत कम हो वर्ना सौदेबाजी के लिए अन्यत्र स्थानों पर जाने की आवश्यकता होगी। देखना है कि यह कार्यालय कंप्यूटर ऑपरेटर की बदौलत और कितने समय तक चलता है।

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2 thoughts on “बैतूल में ‘टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ’ ऑफिस को प्रशासनिक क्षेत्र जाने से एतराज..?”

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  2. जब टीएनसीपी जिद-दबदबे के साथ अपनी कार्यगुजारियाँ करता है तो जबर्दस्ती समय लगता है, वहीं दूसरी जगह सरकारी कार्यालयों की सुविधाएं बढ़ रही हैं! कॉपी कराने के लिए वाहन जाना पड़ना और फाइलों के लिए छिंदवाड़ा जाना, यहीं तक कि रिश्वत के मुकदमे लंबित! शायद इसी तरह की सुविधा अगर बैतूल के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ऑफिस में भी होती, तो लोग इसकी जिद नहीं करेंगे! 😄Grow a Garden Calculator pet

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