जिले के 12 में से 8 कालेज पर गिरी सीबीआई की जांच की गाज
Nursing College – बैतूल – प्रदेश में मनमाने तरीके से नर्सिंग कालेजों को दी गई मान्यता में कमियां मिलने के बाद हजारों बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। नर्सिंग कालेजों की जांच कर रही सीबीआई टीम ने जांच प्रतिवेदन हाईकोर्ट में प्रस्तुत कर दिया है जिसके बाद कोर्ट ने आदेश किया है जिसमें 308 सरकारी और प्रायवेट नर्सिंग कालेजों की जांच की गई इनमें तीन सूची बनाई गई है जिसमें 169 की सूची में सूटेबल, सूटेबल विथ माइनर डिफीसिएंशी में शामिल किया गया है। 73 कालेजों को डिफिसिएंट की सूची में रखा गया है। वहीं 66 नर्सिंग कालेज को अनसूटेबल घोषित किया गया है। सबसे खास बात यह है कि अनूपपुर के सरकारी नर्सिंग कालेज में तो भारी कमियां पाई गई हैं।
बैतूल के 8 नर्सिंग कालेज अनसूटेबल | Nursing College
308 नर्सिंग कालेज की जो जांच हुई है उसमें बैतूल के 8 नर्सिंग कालेज ऐसे हैं जिन्हें अनसूटेबल घोषित कर दिया गया है। इन कालेजों में विजन कालेज ऑफ नर्सिंग, मारुति कालेज ऑफ नर्सिंग, श्री अग्रसेन महाराज स्कूल एण्ड कालेज ऑफ नर्सिंग, माँ मालतीदेवी मेमोरियल नर्सिग कालेज, बालाजी इंसिट्यूट ऑफ नर्सिंग, श्री गोवर्धन कालेज स्कूल ऑफ नर्सिंग, श्री ओम कालेज ऑफ नर्सिंग, वेदांश कालेज ऑफ नर्सिंग बैतूल शामिल है।
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इनको मिल सकता है मौका
जिन 308 कालेजों की जांच हुई है उनमें बैतूल के 4 कालेज ऐसे हैं जिसमें एक में मामूली कमी और तीन में कमियां पाई गई हैं। कमी पाए जाने वाले नर्सिंग कालेजों को कमेटी की जांच के बाद मौका मिल सकता है। 169 की सूची में सूटबेल विथ माइनर की श्रेणी में भारतीय स्कूल एण्ड कालेज ऑफ नर्सिंग बगडोना सारणी को रखा गया है। वहीं डिफिसिएंट की सूची में तीन कालेज शामिल है। जिसमें कालेज ऑफ नर्सिंग पाढर हास्पिटल बैतूल, राजा भोज कालेज ऑफ नर्सिंग बैतूल, श्री धनवंतरी स्कूल ऑफ नर्सिंग बैतूल शामिल है।
प्रदेश के 66 कालेज पाए गए अनुउपयुक्त | Nursing College
नर्सिंग कालेजों की मान्यता को लेकर विशाल बघेल ने हाईकोर्ट जबलपुर, दिलीप कुमार शर्मा ने हाईकोर्ट ग्वालियर के अलावा लगभग 78 से ज्यादा याचिका दायर हुई थी जिसकी सुनवाई जबलपुर हाईकोर्ट में की गई और नर्सिंग कालेजों की मान्यता को लेकर सीबीआई से जांच कराने के आदेश हुए थे। 308 नर्सिंग कालेजों की जांच की गई इनमें तीन सूची बनाई गई है जिसमें 169 की सूची में सूटेबल, सूटेबल विथ माइनर डिफीसिएंशी में शामिल किया गया है। 73 कालेजों को डिफिसिएंट की सूची में रखा गया है। वहीं 66 नर्सिंग कालेज को अनसूटेबल घोषित किया गया है। सबसे खास बात यह है कि अनूपपुर के सरकारी नर्सिंग कालेज में तो भारी कमियां पाई गई हैं।
जांच टीम ने इन बिंदुओं पर की थी जांच
नर्सिंग कालेज खोलने के लिए नर्सिंग काउंसिल ने जो मानक तय किए गए थे उसमें नर्सिंग कालेज का भवन, स्टाफ, भवन में कमरों की संख्या, प्रैक्टिकल लैब, स्टूमेंट और डाक्यूमेंट की बारीकी से जांच की गई थी। जांच टीम में सीबीआई के तीन अधिकारी, नर्सिंग यूनिवर्सिटी के एक अधिकारी, एक बैंक अधिकारी, एक न्यायालीन अधिकारी, एक राजस्व निरीक्षक और एक पटवारी शामिल थे। टीम के माध्यम से सभी बिंदुओं पर जांच की गई।
अधिकारियों को बचा रही सरकार:पाराशर | Nursing College
सीबीआई जांच के बाद नर्सिंग कालेजों की मान्यता को लेकर जो तथ्य सामने आए हैं उससे कई नर्सिंग कालेज बंद होने की कगार पर हैं जिससे हजारों बच्चों का भविष्य बर्बाद हो रहा है। खबरवाणी से चर्चा में एनएसओ छात्र संगठन के अध्यक्ष गोपाल पाराशर का कहना है कि मान्यता में गड़बड़ी का मामला प्रायवेट कालेजों के साथ सरकारी कालेजों में भी उजागर हुआ है। श्री पाराशर का कहना है कि जिन अधिकारियों ने मान्यता दी है उन्हें सरकार बचा रही है। इनके खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए। इनके ही कारण आज बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है।
अब यह कमेटी करेगी जांच
जिन नर्सिंग कालेजों में मामूली कमियां और कमियां पाई गई हैं ऐसे कालेजों की जांच के लिए कमेटी बनाई जाएगी। इस कमेटी में रिटायर्ड जज, एक आईएएस अधिकारी और एक कुलपति शामिल होंगे। कमेटी की जांच के बाद कमेटी की अनुशंसा पर मामूली कमियां और कमियां पाए जाने वाले नर्सिंग कालेजों को मान्यता मिल सकती है ऐसा जानकार बताते हैं।
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