No Entry – गांव में नेताओं के प्रवेश पर ग्रामीणों ने लगाया प्रतिबंध

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विकास के वायदे पूरे नहीं करने पर ग्रामीण हैं नाराज

No Entryघोड़ाडोंगरी विधानसभा चुनाव को लेकर नेता गांव-गांव जाकर प्रचार में जुटे हुए हैं। लेकिन बैतूल जिले के एक गांव में नेताओं के प्रवेश पर ही प्रतिबंध लगा दिया गया है। ग्रामीणों द्वारा नेताओं के वादा खिलाफी के चलते गांव में नेताओं का प्रवेश निषेध किया गया है।

प्रवेश पर लगाया प्रतिबंध | No Entry

घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र के गांव मनकाढाना के ग्रामीणों ने गांव में नेताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है। नेताओं के वादा खिलाफी के खिलाफ ग्रामीणों ने प्रदर्शन करते हुए चुनाव का बहिष्कार भी किया है। वहीं ग्रामीणों ने गांव प्रवेश मार्ग पर बैनर लगाकर नेताओं के गांव में आने पर प्रतिबंध लगाया है। ग्रामीण महिला उर्मिला भुसुमकर का कहना है कि जब तक उनकी मांगो को पूरा नहीं किया जाएगा तब तक इस गांव में किसी भी नेता को आने नहीं दिया जाएगा। ग्रामीण सडक़ निर्माण, पट्टे सहित मूलभूत सुविधाओं की मांग को लेकर चुनाव का बहिष्कार कर नेताओं के गांव में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है।

सडक़ नहीं होने से खाट पर ले जाने की मजबूरी

मनकाढाना गांव में करीब 4 किलोमीटर हिरणघाटा तक पक्की सडक़ नहीं होने के कारण ग्रामीण परेशान है सडक़ नहीं होने के कारण गांव में एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती है। गांव में गर्भवती महिलाओं एवं मरीज को अस्पताल पहुंचाने के लिए ग्रामीण गर्भवती महिलाओं एवं मरीज को खाट पर लेटकर 4 किलोमीटर पैदल चलकर हिरणघाटी तक आते है। इसके बाद वाहन से मरीज को अस्पताल पहुंचते हैं। वही इस दौरान कई गर्भवती महिलाओं की मौत भी हो चुकी है। ग्रामीण महिला सावित्री शेलुकर ने बताया कि गांव में सडक़ नहीं होने के कारण ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। गांव में एंबुलेंस नहीं आ पाती। गर्भवती महिलाओं एवं मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए खटिया का सहारा लेना पड़ता है।

नेताओं को गांव में नहीं आने दिया जाएगा | No Entry

ग्रामीण महिला उर्मिला भुसुमकर ने बताया कि गांव में नेता आते हैं वादे करते हैं, लेकिन वादों को पूरा नहीं करते इसलिए हम सभी ग्रामीणों ने निर्णय लिया है कि गांव में नेताओं के आने पर प्रतिबंध लगाया जाए। ग्रामीणों ने गांव में नेताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है। जब तक सडक़ पत्ते सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं की मांग पूरी नहीं की जाती जब तक गांव में नेताओं का प्रवेश निषेध रहेगा वहीं ग्रामीण आगामी विधानसभा चुनाव का भी बहिष्कार करेंगे।