Nirjala Ekadashi: मई में आने वाली निर्जला एकाक्षी पर जरुर करें यह उपाय, पूरी होंगी सारी मनोकामा,

By
On:
Follow Us

Nirjala Ekadashi 31 May 2023: निर्जला एकादशी हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण त्योहार है जो हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष को मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और लोग निर्जला व्रत रखते हैं, जिसमें पूरा दिन वो भोजन नहीं करते है।कहा जाता है की जो यह व्रत करता है उसकी सारी मनोकामनाएँ पूर्ण होती है.इस वर्ष Nirjala Ekadashi 31 मई 2023 को है.

यह भी पढ़े – Rashifal 11 May 2023: आज आपके हर काम का हल चुटकियों में निकल जायेगा, नौकरी का ऑफर मिलेगा

आखिर क्यों कहा जाता है इसे निर्जला एकादशी ?

इस व्रत को निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) क्यों कहा जाता है, यह भी एक महत्वपूर्ण विषय है। निर्जला शब्द का अर्थ होता है ‘बिना जल के’ और इस एकादशी के दिन लोग न तो भोजन करते हैं और न ही पानी पीते हैं। इस व्रत का लक्ष्य होता है मन और शरीर को शुद्ध करना और अपने आपको भगवान के ध्यान में लगाना।

जानिए क्या है निर्जला एकादशी का शुभ मुहूर्त ?

एकादशी तिथि का आरम्भ 30 मई दिन में 01:32 मिनट पर होगा.

तिथि का समापन 31 मई दिन में 01:36 मिनट पर होगा.

इस निर्जला व्रत का पारण 1 जून 2023 को करें. इस व्रत के पारण का शुभ मुहूर्त प्रातः 05.24 से 08.10 बजे तक रहेगा.

जानिए क्या है निर्जला एकादशी व्रत का महत्व: Nirjala Ekadashi

निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) के व्रत के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है जिससे विशेष रूप से किसी भी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है। इस व्रत को रखने से व्यक्ति को स्वस्थ रहने के साथ-साथ मन की शुद्धि भी मिलती है।

निर्जला एकादशी पूजन विधि :

निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) के दिन प्रातः जल्दी उठकर नहा ले. इसके पश्चात विष्णु जी की प्रतिमा स्थापित करें उनकी प्रतिमा का गंगा जल से अभिषेक करें इस पूजा में तुलसी अवश्य रखें अन्यथा आपकी पूजा अधूरी मानी जाती है इस दिन विष्णु जी को पिली वस्तुओं का ही भोग लगाये.

यह भी पढ़े – Mahakaal Darshan Live Darshan, देखें सीधा प्रसारण  

निर्जला एकादशी व्रत में दान का महत्व :

इस दिन दान करने के साथ-साथ अन्य शुभ कार्य भी किए जाते हैं। इस दिन सभी वैदिक पूजाओं और अनुष्ठानों को भी विशेष महत्व दिया जाता है।(Nirjala Ekadashi) एकादशी के दिन विशेष रूप से चन्दन का तिलक लगाने और भगवान विष्णु की आराधना करने का विधान होता है। इस दिन जीवन में सफलता, सुख, समृद्धि और आरोग्य की कामना की जाती है।

Leave a Comment