प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जॉर्डन की राजधानी अम्मान में भव्य स्वागत देने वाले राजा अब्दुल्ला द्वितीय इब्न अल हुसैन पश्चिम एशिया के सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले शासकों में गिने जाते हैं। उन्होंने वर्ष उन्नीस सौ निन्यानवे में अपने पिता राजा हुसैन के निधन के बाद जॉर्डन की गद्दी संभाली थी। तभी से वह देश के सर्वोच्च शासक हैं और अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक प्रभावशाली चेहरा बने हुए हैं।
कैसे बने पश्चिम एशिया के प्रभावशाली नेता
राजा अब्दुल्ला द्वितीय को एक आधुनिक सोच रखने वाला शासक माना जाता है। उन्होंने जॉर्डन में शिक्षा स्वास्थ्य और आर्थिक सुधारों पर खास ध्यान दिया। आतंकवाद और क्षेत्रीय अस्थिरता के बीच उन्होंने अपने देश को संतुलन में रखा। अमेरिका यूरोप और खाड़ी देशों के साथ उनके मजबूत रिश्ते हैं। इसी वजह से उन्हें अरब दुनिया में एक भरोसेमंद नेता माना जाता है।
राजा अब्दुल्ला द्वितीय की कुल संपत्ति कितनी है
वर्ष दो हजार पच्चीस के अनुमान के मुताबिक राजा अब्दुल्ला द्वितीय की कुल संपत्ति करीब सात सौ पचास मिलियन डॉलर बताई जाती है। यह रकम भारतीय रुपये में हजारों करोड़ बैठती है। उनकी कमाई का बड़ा हिस्सा विदेशी निवेश और रियल एस्टेट से आता है। कई अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स में उन्हें दुनिया के सबसे अमीर राजाओं की सूची में शामिल किया गया है।
कहां कहां फैली है राजा की प्रॉपर्टी
राजा अब्दुल्ला की संपत्तियों का खुलासा तब हुआ जब वर्ष दो हजार इक्कीस में पेंडोरा पेपर्स सामने आए। इन दस्तावेजों के अनुसार उनकी संपत्तियां अमेरिका और ब्रिटेन के बेहद महंगे इलाकों में हैं। कैलिफोर्निया के मालिबू हिल्स वॉशिंगटन डीसी और लंदन के बेलग्राविया जैसे पॉश इलाकों में उनके आलीशान मकान हैं। इनमें से कई प्रॉपर्टी ऑफशोर कंपनियों के जरिए खरीदी गई थीं।
शाही जीवनशैली और लग्जरी प्रोजेक्ट्स
राजा अब्दुल्ला द्वितीय की जीवनशैली बेहद शाही और आरामदायक मानी जाती है। उनके पास लग्जरी कारें आलीशान महल और आधुनिक सुविधाएं हैं। इसके साथ ही उनका नाम रेड सी एस्ट्रोरियम जैसे बड़े पर्यटन प्रोजेक्ट से भी जुड़ा है जिसकी कीमत अरबों डॉलर बताई जाती है। हालांकि इसके बावजूद वह खुद को एक जिम्मेदार शासक के रूप में पेश करते हैं और सादगी दिखाने की कोशिश भी करते हैं।





