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सरकार का बड़ा कदम, 50,000 एम्बुलेंस को इलेक्ट्रिक में बदलने की योजना

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चार प्रमुख मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम) कंपनियां – फोर्स मोटर्स, टाटा मोटर्स, मारुति सुजूकी इंडिया और ईकेए मोबिलिटी ने पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना के तहत इलेक्ट्रिक एम्बुलेंस (ई-एम्बुलेंस) के विनिर्माण में दिलचस्पी दिखाई है। दो सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

जहां फोर्स मोटर्स और टाटा मोटर्स ने लिखित रूप से प्रतिबद्धता जताई है, वहीं मारुति और ईकेए ने अभी तक अपनी लिखित प्रतिबद्धता नहीं दी है। ये दोनों दिशानिर्देश जारी होने का इंतजार कर रही हैं। ईकेए ऐसी स्टार्टअप कंपनी है, जो इलेक्ट्रिक बसें और छोटे इलेक्ट्रिक वाणिज्यिक वाहन बनाती है।

मारुति के मामले में कंपनी ई-एम्बुलेंस के लिए अपनी हाइब्रिड श्रेणी टटोल रही है। यही इकलौती ऐसी श्रेणी है, जिसमें हाइब्रिड कारें शामिल हैं। हालांकि इनमें से किसी भी ओईएम ने अभी तक वॉल्यूम की अपेक्षाओं का संकेत नहीं दिया है, क्योंकि यह दिशानिर्देशों पर निर्भर करेगा।

वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि इस योजना के लिए दिशानिर्देश या पात्रता मानदंड और सब्सिडी की राशि को भारी उद्योग और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा अंतिम रूप दिया जा रहा है। सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘एक बार दिशानिर्देश जारी हो जाएं, फिर ओईएम एक प्रोटोटाइप बनाएंगी, जिसके बाद ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा परीक्षण मानकों की मंजूरी दी जाएगी। तब हमें संख्या पता चलेगी।’

दिशानिर्देशों में मोटे तौर पर इस योजना के तहत आने वाली ई-एम्बुलेंस के प्रकार के बारे में बताए जाने की उम्मीद है, जिससे ओईएम के लिए यह स्पष्ट होगा कि वे भाग ले सकती हैं या नहीं और सब्सिडी का लाभ उठा सकती हैं या नहीं।
ऊपर जिन ओईएम का उल्लेख किया गया है, उन्हें भेजे गए सवालों का जवाब नहीं मिला। जहां फोर्स मोटर्स, मारुति सुजूकी और ईकेए ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, वहीं टाटा मोटर्स के प्रवक्ता ने कहा, ‘इस पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी क्योंकि सरकार के साथ बातचीत अभी शुरुआती चरण में है।’

भारी उद्योग मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी सवालों का जवाब नहीं दिया। देश में मुख्य रूप से चार प्रकार की एम्बुलेंस होती हैं – मेडिकल फर्स्ट रिस्पॉन्डर, मरीज को ले जाने वाली, बेसिक लाइफ सपोर्ट और एडवांस लाइफ सपोर्ट। दिशानिर्देशों से यह निर्धारित होगा कि कौन-सी ओईएम इस योजना में भाग ले सकती हैं, क्योंकि सभी विनिर्माताओं के पास इन सभी चार श्रेणियों में एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं हैं।

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