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New chief secretary: नए सीएस और डीजीपी कौन होंगे इसके लिए कवायद शुरू

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मुख्य सचिव के लिए डॉ. राजेश राजौरा और एसएन मिश्रा के नाम चर्चा में

New chief secretary: मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार 13 दिसंबर को अपने एक साल का कार्यकाल पूरा करेगी, और इससे पहले राज्य के प्रशासनिक नेतृत्व में बदलाव होने की संभावना है। मौजूदा मुख्य सचिव वीरा राणा 30 सितंबर और डीजीपी सुधीर सक्सेना 30 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। वीरा राणा को दूसरी बार एक्सटेंशन देने के लिए सरकार ने केंद्र को कोई पत्र नहीं भेजा है, और अब नए मुख्य सचिव (सीएस) और डीजीपी की नियुक्ति के लिए कवायद शुरू हो गई है।

मुख्य सचिव के प्रबल दावेदार

अगले मुख्य सचिव के लिए डॉ. राजेश राजौरा और एसएन मिश्रा के नाम चर्चा में हैं। डॉ. राजौरा, जो 1990 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, वर्तमान में मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव (एसीएस) के रूप में तैनात हैं। उनकी नियुक्ति से पहले ही संकेत मिल गए थे कि वे अगले मुख्य सचिव बनने के प्रबल दावेदार हो सकते हैं।

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डॉ. राजौरा की योग्यता

  • नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और कई विभागों में अपर मुख्य सचिव रह चुके हैं।
  • सिंहस्थ 2028 की तैयारी में उज्जैन संभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। 2004 में सिंहस्थ के दौरान भी वे उज्जैन कलेक्टर थे, जिससे उनके प्रशासनिक अनुभव को और मजबूती मिलती है।
  • छह महीने में मुख्यमंत्री के साथ उनका तालमेल बेहतरीन रहा है।
एसएन मिश्रा का दावा

एसएन मिश्रा भी 1990 बैच के अफसर हैं और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव के साथ-साथ परिवहन विभाग का अतिरिक्त प्रभार भी संभाल रहे हैं। वे कई प्रमुख विभागों में काम कर चुके हैं और उनके अनुभव को भी सरकार नजरअंदाज नहीं करना चाहेगी।

चुनौती: सुपरसीडिंग

यदि डॉ. राजौरा मुख्य सचिव बने, तो 1989 बैच के चार वरिष्ठ अफसरों को सुपरसीड किया जाएगा, जिनमें अनुराग जैन, मोहम्मद सुलेमान, जेएन कंसोटिया, और विनोद कुमार शामिल हैं। ऐसे मामलों में सुपरसीडिंग को लेकर भी उच्च स्तरीय चर्चा होगी।

डीजीपी की दौड़ में शामिल नाम

वर्तमान डीजीपी सुधीर सक्सेना की स्वच्छ छवि और बेहतरीन कार्यकाल के बाद अब उनके उत्तराधिकारी के लिए अरविंद कुमार, अजय कुमार शर्मा, और जीपी सिंह के नाम सामने आ रहे हैं। यह तीनों नाम डीजीपी की दौड़ में सबसे आगे हैं। सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार, डीजीपी की नियुक्ति कम से कम दो साल के लिए होनी चाहिए, इसलिए इन नामों में से किसी एक पर सहमति बनने की उम्मीद है। इस पूरी प्रक्रिया में अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा लिया जाएगा, जिसमें प्रशासनिक तालमेल और भविष्य की योजनाओं को ध्यान में रखा जाएगा।

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