बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। मृत बच्चे को जन्म देने वाली एक महिला के लिए यह दोहरी मुसीबत साबित हुई है, क्योंकि प्रसव संबंधी ऑपरेशन के दौरान कथित चिकित्सकीय लापरवाही के कारण शरीर के अंदर ही रह गई पट्टी हटाने के क्रम में उसका गर्भाशय भी निकालना पड़ा है। अब मां बनने की उसकी उम्मीदें खत्म हो गई हैं।
बरेली जिले के भोजीपुरा थाना क्षेत्र के ददिया गांव ताहिर अली ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) से शिकायत की है कि उसकी पत्नी नूरजहां को तीन जून को डॉ. शहबाज द्वारा संचालित एक निजी अस्पताल में प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था, जहां उसने एक मृत बच्चे को जन्म दिया। ताहिर अली ने आरोप लगाया कि डॉक्टर ने ‘मेडिकल गॉज’ उसके शरीर के अंदर ही छोड़ दिया। ‘मेडिकल गॉज’ एक पतला जालीदार कपड़ा होता है, जिसका उपयोग ड्रेसिंग, घावों को ढकने और साफ करने के लिए किया जाता है।
शनिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) से शिकायत की गई और रविवार को सीएमओ ने मामले का संज्ञान लिया। ताहिर ने शिकायत में कहा कि उसकी पत्नी के पेट में तेज दर्द होने लगा और टांकों से खून आने लगा। अल्ट्रासाउंड जांच कराने पर पता चला कि महिला के पेट में एक ‘मेडिकल गॉज’ पड़ा है, जो संक्रमण फैला रहा था।
ताहिर के अनुसार, नूरजहां का पिछले सोमवार (28 जुलाई) को बरेली के एक अन्य निजी अस्पताल में दोबारा ऑपरेशन हुआ, जहां डॉक्टर ने सफल ऑपरेशन करके ‘मेडिकल गॉज’ निकाल दिया। साथ ही यह भी बताया गया कि ‘गॉज’ के महिला के शरीर के अंदर सड़ने और संक्रमण बढ़ने के कारण गर्भाशय भी निकालना पड़ा।
इस बीच, संपर्क करने पर बरेली के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. विश्राम सिंह ने सोमवार को कहा कि मामला मेरी जानकारी में है। हमने मामले की जांच के लिए उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. लईक अहमद के नेतृत्व में एक टीम गठित की है। दोषी पाए जाने पर (निजी) अस्पताल का पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा और उसे सील कर दिया जाएगा।