Nano DAP Aur Nano Urea Liquid – भारत में अगर खेती किसानी की बात की जाए तो भारत को एक उन्नत कृषि भूमि के रूप में जाना जाता है अगर हम बात करें फसलों की तो हमारे देश में कई तरह की फसलों की पैदावार होती है। खेती में सबसे जरुरी होती है खाद क्यूंकि एक अच्छी फसल की पैदावार के लिए खाद का इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है। देश ने जिस तरह आज तरक्की कर ली है वैसे ही खेती किसानी की तकनीकों में भी काफी इजाफा देखा गया है। अगर हम बात करें DAP और Urea की तो आज के समय लिक्विड फॉर्म में भी उपलभ्द है। जहाँ पहले 50 किलो DAP करना पड़ता था वहां आज 500 ml बोतल हो जाएगा।
दुनिया के शीर्ष 300 सहकारी केंद्रों में शुमार Indian Farmers Fertilizer Cooperative Limited ने नैनो डीएपी और यूरिया के लिए पेटेंट हासिल कर लिया है। अगले साल से किसानों को नैनो डीएपी मिलना शुरू हो जाएगा।
यह न केवल पारंपरिक डीएपी की तुलना में किफायती होगा बल्कि यह पर्यावरण को भी अनुमति देगा और पौधों के लिए बेहतर होगा। नैनो यूरिया के बाद भारत ने भी (नैनो डीएपी) जीता। जो काम कोई देश नहीं कर सकता वो काम भारतीय वैज्ञानिक कर रहे हैं। यह वैश्विक उर्वरक उद्योग में गेम चेंजर साबित होगा। इफको सिर्फ नैनो डीएपी पर ही नहीं रुक रहा है। यह नैनो जिंक और नैनो कॉपर को भी बढ़ाता है।
नैनो यूरिया का उत्पादन पहले से ही किया जा रहा है
नैनो डीएपी कृषि आदानों की लागत को कम करके भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा। डॉ. इफको के प्रबंध निदेशक डे शंकर अवस्थी ने इस उपलब्धि पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कॉपीराइट 20 साल के लिए प्राप्त किया गया था।Nano DAP तरल यूरिया लाइनों में 500-500 ml की बोतल में भी होगा। यानी अब 50 किलो के DAP Bag की जगह किसानों को बाजार में 500 एमएल की ही बोतलें मिलेंगी। इससे देखभाल करना आसान हो जाएगा। यात्रा खर्च कम होगा। इससे किसानों को फायदा होगा। नैनो डीएपी को इफको के Nano Biotechnology Research Center द्वारा भी विकसित किया गया था।
यहाँ उत्पादन होगा
नैनो डीएपी का उत्पादन इफको की गुजरात में Kalol Extension Unit, Kandla Unit and Odisha में Paradip Unit द्वारा किया जाएगा।
तीनों इकाइयों में प्रतिदिन 500 एमएल नैनो डीएपी की 2-2 लाख बोतलें तैयार की जाएंगी।
नैनो फर्टिलाइजर के विकास पर 3000 करोड़ लगाए जाएंगे
नैनो फर्टिलाइजर के विकास पर करीब 3000 रुपये खर्च किए जाएंगे। इनमें से 720 करोड़ बांटे गए। Amla, Phulpur, Kalol (Extension), Bangalore, Paradip, Kandla, Deoghar and Guwahati में IFFCO Nano Urea, Nano DAP and Nano Micronutrients Production Units स्थापित करने का काम चल रहा है। किसानों के लिए बहुत जल्दी उपलब्ध होने के लिए।
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