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Murgi Palan | अगर आप भी शुरू करना चाहते हैं ये व्यवसाय तो इन बातों का रखें ध्यान 

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घर बनाने से लेकर बिमारियों की रोकथाम के लिए बरतना होती है सावधानी 

Murgi Palan – मुर्गी पालन एक लाभदायक व्यवसाय हो सकता है, लेकिन इसमें मुर्गियों को बीमारियों से बचाने के लिए जैव सुरक्षा का ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने मुर्गी पालन में जैव सुरक्षा के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स दिए हैं:

मुर्गी घर | Murgi Palan

मुर्गी घर पूर्व से पश्चिम दिशा में लंबवत होना चाहिए ताकि सूर्य की गर्मी कम पड़े।
दो मुर्गी घरों के बीच कम से कम 15 मीटर की दूरी होनी चाहिए।
दो मुर्गी फार्मों के बीच कम से कम 1 से 2 किलोमीटर की दूरी होनी चाहिए।
हैचरी इकाई और मुर्गी घर के बीच कम से कम 500 फीट की दूरी होनी चाहिए।

स्वच्छता

मुर्गी घर को नियमित रूप से साफ करना और कीटाणुरहित करना महत्वपूर्ण है।
मुर्गियों को ताजा और स्वच्छ पानी उपलब्ध कराना चाहिए।
मुर्गियों को संतुलित आहार खिलाना चाहिए।

टीकाकरण | Murgi Palan

मुर्गियों को सभी महत्वपूर्ण बीमारियों के खिलाफ टीका लगाना चाहिए।
टीकाकरण का समय और तरीका पशु चिकित्सक की सलाह के अनुसार होना चाहिए।

नई मुर्गियों को लाना

नई मुर्गियों को लाने से पहले उन्हें क्वारंटाइन करना जरूरी है।
क्वारंटाइन अवधि के दौरान नई मुर्गियों को किसी भी अन्य मुर्गी के संपर्क में नहीं आने देना चाहिए।

रोगों का निदान और उपचार

मुर्गियों में किसी भी तरह की बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
पशु चिकित्सक की सलाह के अनुसार उचित उपचार करना चाहिए।
आईसीएआर के अनुसार, इन टिप्स का पालन करके मुर्गी पालक मुर्गियों को बीमारियों से बचा सकते हैं और अपने व्यवसाय को सफल बना सकते हैं।

अन्य महत्वपूर्ण टिप्स | Murgi Palan

मुर्गी घर में उचित वेंटिलेशन का होना जरूरी है।
मुर्गी घर में पर्याप्त रोशनी का होना भी जरूरी है।
मुर्गियों को नियमित रूप से चेक करना और उनका स्वास्थ्य देखभाल करना महत्वपूर्ण है।
मुर्गी पालन में जैव सुरक्षा का ध्यान रखकर मुर्गी पालक मुर्गियों को बीमारियों से बचा सकते हैं और अपने व्यवसाय को लाभदायक बना सकते हैं।

मुर्गियों में रोगों का फैलना एक गंभीर समस्या है जो मुर्गी पालन उद्योग को भारी नुकसान पहुंचा सकती है। मुर्गियों में रोग कई तरीकों से फैल सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

1. सीधा संपर्क:

संक्रमित मुर्गियों के सीधे संपर्क से स्वस्थ मुर्गियां बीमार हो सकती हैं।
यह संपर्क मुर्गियों के एक दूसरे के साथ खाने, पीने, या एक ही स्थान पर रहने से हो सकता है।

2. हवा:

संक्रमित मुर्गियों से निकलने वाली हवा में वायरस और बैक्टीरिया हो सकते हैं जो स्वस्थ मुर्गियों को बीमार कर सकते हैं।
यह हवा मुर्गियों के एक दूसरे के करीब रहने से या हवा के माध्यम से फैल सकती है।

3. पानी:

संक्रमित मुर्गियों के पानी में वायरस और बैक्टीरिया हो सकते हैं जो स्वस्थ मुर्गियों को बीमार कर सकते हैं।
यह पानी मुर्गियों के एक ही पानी के बर्तन का उपयोग करने से या दूषित पानी पीने से फैल सकता है।

4. भोजन:

संक्रमित मुर्गियों के भोजन में वायरस और बैक्टीरिया हो सकते हैं जो स्वस्थ मुर्गियों को बीमार कर सकते हैं।
यह भोजन मुर्गियों के एक ही भोजन का उपयोग करने से या दूषित भोजन खाने से फैल सकता है।

5. कीड़े:

कुछ कीड़े, जैसे कि मच्छर और मक्खियां, वायरस और बैक्टीरिया को एक मुर्गी से दूसरी मुर्गी में फैला सकते हैं।
यह कीड़े मुर्गियों के खून चूसने से या मुर्गियों के भोजन और पानी को दूषित करने से फैल सकता है।

मुर्गियों में रोगों के फैलने को रोकने के लिए | Murgi Palan

मुर्गियों को अलग-अलग रखें, खासकर यदि वे बीमार हैं।
मुर्गियों को स्वच्छ और ताजा पानी और भोजन उपलब्ध कराएं।
मुर्गियों को नियमित रूप से टीका लगवाएं।
मुर्गी घर को नियमित रूप से साफ और कीटाणुरहित करें।
मुर्गियों में किसी भी तरह की बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें.
मुर्गी पालक इन उपायों को करके मुर्गियों में रोगों के फैलने को रोक सकते हैं और अपने व्यवसाय को सुरक्षित और लाभदायक बना सकते हैं।

मुर्गी पालन में सफलता के लिए मुर्गी घर का उचित निर्माण बहुत महत्वपूर्ण है। मुर्गी घर का निर्माण करते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए:

फर्श:

मुर्गी घर का फर्श कंक्रीट का बना होना चाहिए। यह साफ-सफाई, सोडा से धुलाई, और विद्युतीकरण (पयूमिगेशन) को आसान बनाता है।
कंक्रीट का फर्श चूहों को घर बनाने से रोकता है।
फर्श जमीन से कम से कम तीन फीट ऊंचा होना चाहिए। यह बाहरी परजीवियों और बारिश के पानी को अंदर आने से रोकता है।

आसपास का वातावरण:

मुर्गी घर के आसपास पेड़-पौधे नहीं होने चाहिए। ये वन्य पक्षियों को आश्रय देते हैं, जो मुर्गियों के लिए रोगवाहक का कार्य करते हैं।

प्रवेश द्वार:

मुर्गी फार्म और प्रत्येक मुर्गी घर के प्रवेश द्वार पर फुटबाथ (कीटाणुनाशक घोल) अवश्य होना चाहिए। यह फार्म में प्रवेश करने वाले के पैरों के संक्रमण से मुर्गियों में संक्रमण फैलने से रोकता है।

अन्य महत्वपूर्ण बातें:

मुर्गी घर में पर्याप्त रोशनी और वेंटिलेशन होना चाहिए।
मुर्गी घर में उचित तापमान और आर्द्रता बनाए रखना चाहिए।
मुर्गी घर को नियमित रूप से साफ और कीटाणुरहित करना चाहिए।
इन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखकर मुर्गी पालक एक स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण बना सकते हैं, जिससे मुर्गियों का उत्पादन और स्वास्थ्य बेहतर होगा।

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