मुलताई:- नगर पालिका मुलताई में 5 माह में 4 प्रभारी सीएमओ नगर पालिका का प्रभार संभाल चुके है। स्थाई सीएमओ के नहीं होने से नगरपालिका के विकास कार्य प्रभावित हो रहे है। प्रभारी सिमो सप्ताह में मात्र दो दिन मुलताई आते है और फाइलो पर हस्ताक्षर कर निकल जाते है, उन्हें नगर के विकास कार्य, पेयजल समस्या या अन्य समस्याओ से कोई मतलब नहीं है। जिससे नगरीय क्षेत्र में विकास कार्य प्रभावित हो रहे है। नगर पालिका में स्थाई सीएमओ आरके इवनाती के तबादले के बाद से ही नगर पालिका प्रभारी सीएमओ संभाल रहे हैं। सीएमओ आरके इवनाती के तबादले के बाद ओमपाल सिंह भदौरिया को मुलताई नगर पालिका का अतिरिक्त प्रभार दिया गया। जिनका तबादला हो जाने में बाद विद्युत उपयंत्री योगेश अनेराव सीएमओ के प्रभार में रहे। जिसके बाद भैसदेही सीएमओ रीना राठौर प्रभार में रही। उनका अतिरिक्त प्रभार समाप्त करने के बाद अब आमला के सीएमओ वीरेंद्र तिवारी को प्रभार दिया गया।प्रभारी सीएमओ सप्ताह में एक दो बार मुलताई आते है और फाइलो पर हस्ताक्षर कर चले जाते है, जिससे नगर कि समस्याए,विकास कार्य प्रभावित हो रहे है।जिससे भाजपाई पार्षदों एवं नगरपालिका अध्यक्ष को कोई फर्क नहीं पड़ता।प्रदेश में भाजपा कि सरकार होने के बाद भी भाजपा कि परिषद एक स्थाई
1. सीएमओ को मुलताई नहीं ला पा रहे है। जबकि कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं कांग्रेस पार्षदों इस पर सवाल उठा चुके है। लेकिन भाजपा कि सरकार होने से कांग्रेसियो के कहने का कोई मतलब ही नहीं निकलता। इस तरह स्थाई सीएमओ के बिना चल रही नपा रामभरोसे है। कुछ कार्य हुआ तो ठीक बाकि नहीं हुआ तो ठीक।
मुलताई:- नपा में स्थाई सीएमओ के तबादले के बाद 5 माह में 3 प्रभारी सीएमओ बदले, चौथे के पास प्रभार प्रभावित हो रहे है विकास कार्य जनप्रतिनिधियों का इस ओर नहीं है कोई ध्यान

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