MPTET 2018 – प्रदेश में शिक्षक भर्ती के उम्मीदवारों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर सामने आ रही है जिसमे उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 में उत्तीर्ण शिक्षकों को हाई कोर्ट ने बड़ी राहत पहुंचाते हुए बड़ी राहत देते हुए फैसला सुनाया है। एकल पीठ द्वारा जनजातीय कार्य विभाग के आयुक्त को 9 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होकर जवाब पेश करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
सिवनी, सागर, बालाघाट, छिंदवाड़ा, इंदौर, ग्वालियर अशोकनगर के याचिकाकर्ता द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 के क्वालीफाय नवनियुक्त शिक्षकों की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर द्वारा पक्ष रखा गया। जिसमें दलील देते हुए कहा गया कि जनजातीय कार्य विभाग आयुक्त द्वारा सभी को 21 अक्टूबर को उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति दी गई थी।
बिना कारण बताए नियुक्ति निरस्त करना उचित नहीं(MPTET 2018)
इसके लिए पदस्थापना आदेश जारी कर दिए गए थे लेकिन जनजातीय कार्य विभाग के आयुक्त द्वारा 7 नवंबर को आदेश जारी कर अभ्यर्थियों की सुनवाई का मौका दिए बिना और के बिना कोई कारण बताए नियुक्तियां निरस्त कर दी गई थी। उम्मीदवारों का कहना है कि बिना किसी कारण नियुक्ति निरस्त करना अनुचित है।
योग्यता नहीं होने के कारण निरस्त की गई नियुक्तियां(MPTET 2018)
हालांकि राज्य शासन की ओर से दी गई। दलील में कहा जा रहा है कि विज्ञापन की शर्तों के अनुरूप योग्यता नहीं होने के कारण नियुक्तियां निरस्त की गई है। साथ ही दस्तावेज का सत्यापन किया जाना अभी शेष है। जिस पर हाईकोर्ट ने नियुक्ति निरस्त करने पर रोक लगा दी है और आयुक्त को 9 दिसंबर को व्यक्तिगत रुप से कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए गए हैं।
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