प्रकरण स्वीकृति के बिना तत्कालिन जेई ने दिया था परमिट, मामला का खुलासा होने पर विद्युत कंपनी में मचा हडक़म्प
MPEB Department – बैतूल – मध्यप्रदेश मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के जेई की कारस्तानी से किसान बर्बाद होने की कगार पर पहुंच गए हैं। तत्कालिन जेई ने प्रकरण की स्वीकृति के बिना ही परमिट देते हुए ना सिर्फ ट्रांसफार्मर लगवा दिया बल्कि मामले का खुलासा होने पर अब ट्रांसफार्मर को बंद करा दिया गया है।
इस पूरे मामले में जहां किसानों को डेढ़ लाख रुपए देने के बाद भी नुकसान उठाना पड़ रहा है, वहीं विद्युत कंपनी के अफसरों में हडक़म्प मचा हुआ है। तत्कालिन जेई इंद्रपाल भलावी अब फोन उठाने से ही परहेज करने लगे हैं। पूरे मामले की शिकायत आला अफसरों को की जा रही है।
एक नजर में पूरा मामला | MPEB Department
बोरदेही क्षेत्र के बामला गांव के मेकलाल यादव सहित तीन किसानों ने वोल्टेज की समस्या के कारण ट्रांसफार्मर लगाने के लिए बोरदेही के विद्युत कंपनी कार्यालय में आवेदन दिया था। तत्कालिन इंद्रपाल भलावी ने इन किसानों को ठेकेदार से मिलकर ट्रांसफार्मर लगाने की बात कही थी।
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इस मामले में इन किसानों ने दिलीप पोटफोड़े ठेकेदार के पेटी कांट्रेक्टर रूपेश गव्हाड़े निवासी जम्बाड़ी से संपर्क किया और कार्यवाही शुरू की। मेकलाल यादव का कहना है कि सुपरविजन चार्ज के रूप में 2500 रुपए जमा किए जिसकी रसीद उनके पास है।
इसके बाद ठेकेदार को डेढ़ लाख रुपए दिए और ट्रांसफार्मर भी लगा दिया गया। चार दिन तक ट्रांसफार्मर चालू रहा लेकिन बाद में उसे बंद कर दिया गया। अब किसान परेशान हो रहे हैं।
जेई ने ऐसे खेला पूरा खेल | MPEB Department
ट्रांसफार्मर लगाने के इस मामले में किसानों के साथ किस तरह का छलावा हुआ। इसकी कहानी खुद अपने आपको पेटी कांट्रैक्टर रूपेश गव्हाड़े ने बयां की। रूपेश का कहना है कि वो ठेकेदार दिलीप पोटफोड़े का पेटी कांट्रैक्टर है। ट्रांसफार्मर लगाने के लिए सुपरविजन के बाद फाइल तैयार हुई और स्वीकृति के लिए डिवीजन कार्यालय गई।
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स्वीकृति आने के पहले ही तत्कालिन जेई इंद्रपाल भलावी ने उसे परमिट दे दिया जिसके आधार पर उसने 25 केवीए का ट्रांसफार्मर लगा दिया। यह ट्रांसफार्मर चार दिनों तक चालू रहा। बाद में पता चला कि दिलीप पोटफोड़े के लाइसेंस की डेट रिन्यूवल होनी थी और डिवीजन कार्यालय बिना स्वीकृति दिए फाइल वापस भेज दी। इसके बाद जेई इंद्रपाल भलावी ने पोल खुलने के डर से ट्रांसफार्मर की बिजली सप्लाई बंद कर दी।
आपराधिक प्रकरण की श्रेणी में आता है मामला | MPEB Department
विद्युत कंपनी के अफसरों की माने तो विद्युत कंपनी के अधिनियम के तहत यह एक बड़ा आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है। किसानों के साथ ही विद्युत कंपनी के बड़े अफसरों के साथ भी छलावा किया गया है। सबसे पहले इसमें किसानों को अंधेरे में रखा गया।
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उसके बाद डिवीजन कार्यालय के उन अधिकारियों को गुमराह किया गया जो प्रकरण स्वीकृत करते हैं। ठेकेदार, पेटी कांट्रैक्टर और तत्कालिन जेई तीनों की मिलीभगत इसमें शामिल हो रही है। अगर इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाती है तो तीनों पर ही आपराधिक प्रकरण दर्ज हो सकता है।
कराई जाएगी निष्पक्ष जांच:वशिष्ठ | MPEB Department
विद्युत कंपनी के उत्तर डिवीजन के एजीएम हितेश सिंह वशिष्ठ से सांध्य दैनिक खबरवाणी ने चर्चा की तो उन्होंने बताया कि प्रकरण की स्वीकृति के बिना ट्रांसफार्मर चालू नहीं करना था और ना ही लगाना था। उपभोक्ता शिकायत करेगा तो विद्युत कंपनी कार्यवाही करेगी। मैं मामले को संज्ञान में लेते हुए बोरदेही जेई से पूरी जानकारी लेता हूं और इस मामले में निष्पक्ष कार्यवाही की जाएगी।