चेक पोस्ट के आधुनिकीकरण से मिलेगी राहत
MP Transport – गुजरात राज्य की तर्ज पर होंगे प्रदेश के परिवहन चेकपोस्ट इस बात की जानकारी खुद प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने दी है। इस बदलाव से मध्य प्रदेश में चल रहे परिवहन चेकपोस्टों पर वाहन चालकों को काफी राहत मिलेगी। जिस तरह गुजरात में चेकपोस्ट पर आधुनिकीकरण किया गया है उसी तर्ज पर अब एमपी में भी ये व्यवस्था लागू की जाएगी।
इस बदलाव से जहाँ वाहन चालकों को राहत मिलेगी तो वहीं दूसरी ओर उनके समय की भी बचत होगी। इस मामले में पूरी जानकारी देते हुए प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि गुजरात मॉड्ल के लागू होने तक प्रदेश में चल रहे परिवहन चेकपोस्ट पर वाहनों के आवागमन को सुगम करने के लिए 7 अस्थाई चेकपोस्ट (प्राणपुर, बिलौआ, नहर, समरसा, करहाल ,रानीगंज तिगेला, राजना) एवं इसके अतिरिक्त वर्तमान में चल रहे सभी 6 चेकिंग पाइंट भी बंद किये जायेगें।
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पी.ओ.एस मशीन से की जायेगी चालानी कार्यवाही | MP Transport
आगे जानकारी देते हुए परिवहन मंत्री ने बताया कि चेकपोस्ट पर गाडि़यों की मैनूअल चालानी कार्रवाई चरणबद्ध रूप से बंद की जायेगी। आने वाले समय में आधुनिक पी.ओ.एस मशीन से चालानी कार्यवाही की जायेगी तथा चालान की राशि ऑनलाईन जमा होगी। इसके अलावा मोटर व्हीकल एक्ट के नियमानुसार एवं खाली चलने वाली गाडि़यों पर चालानी कार्रवाई नहीं होगी साथ ही चेकपोस्ट पर नियम विरूद्ध चलने वाली गाडि़यों पर ही चालानी कार्रवाई की जाएगी ।
परिवहन मंत्री राजपूत ने बताया कि चेकपोस्टों को बंद करके वाहनों की चेकिंग वयवस्था का आधुनिकीकरण गुजरात मॉडल की तर्ज पर चरणबद्ध रूप से 14 दिसम्बर, 2023 तक पूर्ण कर लिया जायेगा। क्योंकि प्रदेश में संचालित 40 स्थायी चेकपोस्टों में से 19 इंटीग्रेटेड चेकपोस्टों का संचालन एमपीआरडीसी एवं म.प्र. बॉर्डर चेकपोस्ट डवलपमेंट कॉर्पोरेशन के मध्य हुए एग्रीमेंट के तहत हो रहा है।
आवश्यक संसाधनों की की जाएगी व्यवस्था | MP Transport
राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने बताया कि अभी देश में महाराष्ट्र, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, तेलगांना, आंध्रप्रदेश, बिहार, केरल आदि राज्यों में परिवहन चेकपोस्ट पर मैनुअल चेकिंग की व्यवस्था चल रही है।
प्रदेश में गुजरात मॉडल लागू करने के लिये सभी परिवहन चेकपोस्टों पर आवश्यक संसाधन जैसे ब्रेथ एनालाईजर, स्पीड रडारगन, पोर्टेबल तौलकांटे, बॉडीवार्न कैमरा, पीओएस मशीन के साथ अतिरिक्त मानव संसाधन की भी आवश्यकता होगी जिसे 14 दिसम्बर तक पूर्ण कर लिया जाएगा ।