51 फीसद वोट पर जिसने जमाया कब्जा उसे ही नसीब होगी सत्ता
MP Political News – भोपाल – सूबे में विधानसभा चुनाव को लेकर अब महज 6 माह का समय ही शेष बचा हुआ है। सभी प्रमुख राजनैतिक दलों द्वारा अभी से अपनी-अपनी लोकलुभावन योजनाओं से मतदाताओं को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। भाजपा जहां लाड़ली बहना सहित अन्य योजनाओं के नाम पर सत्ता में बनी रहना चाहती है तो प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस भाजपा की योजनाओं में और अधिक वृद्धि कर मतदाताओं को लुभाने के साथ-साथ पुरानी पेंशन जैसी महत्वाकांक्षी और ज्वलंत मांग को भी पूरा करने की बात कर रही है ताकि चुनावी वैतरणी पार करते हुए सत्ता में वापसी कर सकें।
हालांकि कांग्रेस को मध्यप्रदेश में सिर्फ 15 महीने का समय ही मिल पाया था। इस दौरान जिस गति से कांग्रेस चल रही थी उससे कहीं ना कहीं मतदाताओं को लाभ पहुंचना भी प्रारंभ हो गया था लेकिन अंतिम छोर के व्यक्ति तक कांग्रेस पहुंच पाती इससे पूर्व ही कांग्रेस का तख्ता पलट हो गया और कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई। यह टीस कांग्रेस के मन में अभी भी बनी हुई है।
यही वजह है कि भाजपा सरकार की हाल ही में की गई प्रत्येक घोषणाओं में कांग्रेस वृद्धि कर मतदाताओं को अपनी आकर्षित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। इसके अलावा कांग्रेेस सबसे अधिक आक्रामक होकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के हर बयान पर मुखर होकर जवाब दे रही है इससे लगता है कि इस बार कांग्रेस भी पूरी ताकत के साथ भाजपा सरकार से दो-दो हाथ करने के मूढ़ में आ गई है।
लाड़ली बहना के बहाने 51 फीसद वोट पर नजर | MP Political News
राजनैतिक प्रेक्षकों की माने तो भाजपा-कांग्रेस सहित थर्ड फ्रंट द्वारा योजनाओं और घोषणाओं के सहारे भले ही सत्ता में वापसी को लेकर पसीना बहाया जा रहा हो लेकिन हकीकत यह है कि जिस पार्टी का 51 फीसद वोट पर कब्जा होगा उसी पार्टी को मध्यप्रदेश में सत्ता नसीब होगी।
मध्यप्रदेश में प्रदेश सरकार द्वारा की गई लाड़ली बहना योजना प्रदेश में 51 फीसद वोट पार्टी की झोली में डाल सकती है या नहीं इसको लेकर सेकंड बाम्बे के नाम से मशहूर इंदौर शहर में संघ की एक बैठक भी हुई। संघ की हाई पावर कमेटी की बैठक में किन -किन मुद्दों पर मंथन हुआ, उसकी कुछ-कुछ जानकारी अब चर्चा में आ रही है। छनकर आ रही खबरों पर यकीन करें तो संघ ने अपने अनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारियों से सरकार का फीडबैक लिया। जो सरकार के भविष्य के लिए अच्छे संकेत नहीं बताए जा रहे हैं।
इससे ये भी संकेत मिलते हैं कि चुनाव से पहले फेरबदल की संभावना अभी खत्म नहीं हुई है। चुनावी साल में शिवराज की सबसे महत्वाकांक्षी लाडली बहना योजना के राजनीतिक फायदे पर भी बैठक में मंथन हुआ। इस सवाल पर कि क्या यह योजना 51 प्रतिशत वोट के टारगेट को पूरा करने में कारगर साबित होगी? हालांकि, मुख्यमंत्री इस योजना को सफल बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
500 रु. में सिलेंडर का भाजपा के पास नहीं है विकल्प | MP Political News
इधर कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ वर्तमान में शिवराज सिंह चौहान की हर घोषणा रूपी बाल पर सिक्स लगाने से पीछे नहीं रहे हैं। ऐसे में भाजपा का 51 प्रतिशत वोट टारगेट का लक्ष्य पूरा होता है या फिर कांग्रेस को इसका लाभ मिलता है यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन चुनावी समर अभी से जमना प्रारंभ हो गया है और लोकलुभावन योजनाओं की एक तरह से झड़ी भी प्रारंभ हो गई है।
भाजपा मतदाताओं को लाड़ली लक्ष्मी योजना, लाड़ली बहना योजना, पुलिस विभाग में महिलाओं का 30 फीसद आरक्षण, पेसा एक्ट, निकाय चुनाव में महिलाओं 50 फीसद आरक्षण जैसी योजनाओं का हवाला देकर मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने दुखती रग पर हाथ धरते हुए सत्ता में वापसी पर 500 रु. में घरेलू गैस सिलेंडर, लाड़ली बहना को 1500 रु. महीने, पुरानी पेंशन बहाली, युवाओं को रोजगार, महंगाई कम करने जैसी योजनाओं की घोषणा कर नई चर्चा मतदाताओं के बीच छेड़ दी है।
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प्रदेश में थर्ड फ्रंट भी हुआ एक्टिव | MP Political News

मध्यप्रदेश में थर्ड फ्रंट के नाम से समाजवादी पार्टी, भीम आर्मी और राष्ट्रीय लोकदल पार्टी और आम आदमी पार्टी का भी आगाज हो गया है। इनमें से एक दल ने तो पुरानी पेंशन बहाली को लेकर आंदोलन, आदिवासी सीएम और तीन डिप्टी सीएम का फार्मूला जनता के सामने परोस दिया है। अब देखना यह है कि इन सब लोक लुभावन योजनाओं के सहारे कौन सा राजनैतिक दल चुनावी वैतरणी पार करते हुए सत्ता तक पहुंच पाता है? फिलहाल तो मतदाता सभी राजनैतिक दलों की घोषणा को बिल्कुल भी सीरियस नहीं ले रहे है वह सिर्फ एंजाय कर रहे है।