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MP Kharif Crop – खरीफ फसल के रजिस्ट्रेशन के लिए बढ़ा दी गई तारीख 

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किसान भाई अब 15 अक्टूबर तक कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन

MP Kharif Cropकिसानों के लिए खुशखबरी है। दरअसल, मध्य प्रदेश में खरीफ फसलों के पंजीकरण 20 सितंबर से आरंभ हुआ था, और 5 अक्टूबर तक रजिस्ट्रेशन करने की अंतिम तारीख थी, लेकिन इस तारीख को बढ़ा दिया गया है। इस संदर्भ में, खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा आदेश जारी किए गए हैं।

बढ़ा दी गई रजिस्ट्रेशन की तारीख | MP Kharif Crop

मध्य प्रदेश सरकार खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा 4 अक्टूबर को जारी किए गए आदेश में घोषित किया है कि 2023-24 के खरीफ मार्केटिंग सीजन में धान, बाजरा, और ज्वार को समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा। किसानों के लिए इस योजना में रजिस्ट्रेशन करने की आवश्यकता थी, जिसकी अंतिम तारीख 5 अक्टूबर थी, लेकिन अब इसको 15 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया है।

आदेश में भी स्पष्ट कहा गया है कि पिछले साल के साथ तुलना में इस साल के किसानों के रजिस्ट्रेशन में कमी हो रही है, जिसके बाद राज्य सरकार ने धान, ज्वार, और बाजरा उत्पादक किसानों के लिए समर्थन मूल्य योजना को बढ़ावा दिया है। इसके साथ ही, किसानों के पंजीयन की अवधि को भी 15 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया है।

यहाँ कराएं पंजीयन

इस प्रकार, किसान 15 अक्टूबर तक धान, मक्का, और अन्य मोटे अनाजों का उपार्जन समर्थन मूल्य पर रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे, लेकिन इसके लिए किसानों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा। खरीफ फसलों के पंजीकरण 20 सितंबर से शुरू हुआ था। किसान विभिन्न स्थानों पर जैसे कि ग्राम पंचायत कार्यालय, जनपद पंचायत तहसील कार्यालय, सहकारी समिति और खरीदी केंद्र में निशुल्क पंजीयन कर सकते हैं।

इसके अलावा, किसान ₹50 की शुल्क और आवश्यक दस्तावेज देकर 15 अक्टूबर तक उपार्जन के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं, जो कि किसान एमपी ऑनलाइन किओस्क सेंटर, कॉमन सर्विस सेंटर, लोक सेवा केंद्र, और अन्य संचालित साइबर कैफे में उपलब्ध हैं। किसान एमपी ऐप डाउनलोड करके, अपने एंड्रॉयड मोबाइल पर उपार्जन के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

महत्वपूर्ण दस्तावेज | MP Kharif Crop 

धान और मोटे अनाजों के पंजीकरण के लिए किसान को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज आवश्यक होते हैं। इनमें किसान का आधार कार्ड, बोए गए राशन की जानकारी, आधार से संबंधित बैंक खाता और मोबाइल नंबर, ऋण पुस्तिका की छाया प्रति शामिल होती है। साथ ही, बैंक खाते के साथ-साथ, किसानों को आईएफएससी कोड भी प्रस्तुत करना होगा।

Source – Internet 
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