MP Election – पेड न्यूज पर एमसीएमसी की पैनी नजर, 20 मामले आए सामने

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रिटर्निंग आफिसरों को भेजे जाँच के लिए 

MP Electionबैतूल विधानसभा 2023 के चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया और इलेक्ट्रानिक मीडिया में चलने वाली खबरों में पेड न्यूज की कैटेगिरी तय की है और इसकी निगरानी एमसीएमसी कमेटी कर रही है। बैतूल की पांचों विधानसभा को लेकर एमसीएमसी कमेटी प्रतिदिन प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया और इलेक्ट्रानिक मीडिया पर पैनी नजर रखे हुए हैं। 28 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक संदिग्ध पेड न्यूज के 20 मामले सामने आए हैं। इन सभी मामलों को संबंधित निर्वाचन अधिकारी को भेजा गया है जिसकी वो जांच कर रहे हैं।

अब तक 20 मामले आए सामने | MP Election

एमसीएमसी के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पेड न्यूज के मामलों में सबसे ज्यादा मामले बैतूल विधानसभा से आए हैं जिसमें 13 मामले हैं। घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र से 5 और मुलताई विधानसभा क्षेत्र से 2 मामले सामने आए हैं। इन मामलों को एमसीएमसी कमेटी ने उन क्षेत्रों के निर्वाचन अधिकारियों को भेजा है। जहां से संबंधित अभ्यर्थी को नोटिस जारी किया जाएगा और अभ्यर्थी के जवाब के बाद यह मामले एमसीएमसी कमेटी में आएंगे जहां इनका निराकरण किया जाएगा। अगर यह साबित नहीं होगा कि यह अभ्यर्थी के द्वारा प्रकाशित करवाई गई हैं तो फिर संबंधित प्रिंट, सोशल और इलेक्ट्रानिक मीडिया की जिम्मेदारी तय की जाएगी।

सोशल मीडिया में भी संदिग्ध पेड न्यूज

एमसीएमसी कमेटी ने संदिग्ध पेड न्यूज के मामलों मेंं 15 मामले प्रिंट मीडिया और 5 मामले सोशल मीडिया के चिन्हित किए हैं। बताया जा रहा है कि प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रानिक मीडिया के अलावा सोशल मीडिया पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है जिसमें फेसबुक, इंस्ट्रा, ट्वीटर, यूट्यूब, वेबसाइट शामिल है।

पेड न्यूज के मापदण्ड | MP Election

निर्वाचन आयोग ने पेड न्यूज के मापदण्ड तय किए हैं और संदिग्ध पेड न्यूज के उदाहरण भी दिए हैं। एक ही समय के आसपास अलग-अलग लेखकों की बाय लाइन वाली प्रतिस्पर्धी प्रकाशनों में दिखाई देने वाली तस्वीरों और शीर्षकों के साथ समान लेख हो। विशिष्ट समाचार पत्रों के एक ही पृष्ठ पर प्रतिस्पर्धी उम्मीदवारों की प्रशंसा करने वाले लेख जिसमें दावा किया जा रहा है कि दोनों के समान चुनाव जीतने की संभावना है। समाचार में कहा गया है कि एक उम्मीदवार को समाज के प्रत्येक वर्ग का समर्थन मिल रहा है और वह निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव जीतेगा। इसके अलावा किसी उम्मीदवार के पक्ष में समाचार कोई बाय लाइन नहीं है तो इसे संदिग्ध पेड न्यूज की कैटेगिरी में रखा जाएगा।