MP Congress – मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद कांग्रेस ने पुराने छत्रपो को हटाकर युवा पीढ़ी को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपी है, और नया प्रदेश अध्यक्ष बनते ही जीतू पटवारी की ओर से यह आदेश जारी हुआ था कि प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कार्यरत सभी वरिष्ठ पदाधिकारी अपने-अपने दायित्वों का निर्वहन यथावत करते रहेंगे
इसी पत्र में यह भी उल्लेखित था कि प्रदेश कांग्रेस द्वारा जिले में नियुक्त जिला प्रभारी, जिला सह प्रभारी, मीडिया / सोशल मीडिया के पदाधिकारी, विभाग/ प्रकोष्ठ के अध्यक्ष, पदाधिकारी वर्तमान में अपने दायित्वों का निर्वाण यथावत करते हुए पार्टी संगठन की मजबूती हेतु सक्रियता से कार्य करते रहेंगे
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लेकिन प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा 20 दिसंबर को जारी इस आदेश 20 दिसंबर को जारी यह आदेश 6 दिन भी नहीं टिक पाया और आज प्रदेश कांग्रेस के नए प्रभारी ने अपनी पहली भोपाल यात्रा में ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी को भंग कर दिया |
बैठक में पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव और सुरेश पचौरी मौजूद रहे।
एमपी कांग्रेस में 105 प्रदेश महासचिव हैं। 50 प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। उपाध्यक्षों में अजय चौरडिया, अभय दुबे, राजीव सिंह, जेपी धनोपिया, अर्चना जायसवाल, चंद्रप्रभाष शेखर, दीपक सक्सेना, गोविन्द गोयल जैसे नाम शामिल हैं। प्रदेश महासचिव, प्रदेश सचिव, सह सचिव समेत तमाम पदाधिकारियों समेत प्रदेश कार्यकारिणी भंग की गई है।
विधानसभा चुनाव के दौरान बड़े पैमाने पर प्रदेश स्तर पर पदाधिकारियों की नियुक्तियां की गई थी। चुनाव के दौरान जो नियुक्तियां हुई उनकी फाइनल संख्या और डिटेल PCC के पास उपलब्ध नहीं हैं। पीसीसी के पदाधिकारियों का कहना है कि जब प्रदेश अध्यक्ष बदलते हैं तो स्वाभाविक तौर पर प्रदेश कार्यकारिणी भी भंग कर नए सिरे से गठित की जाती है।(साभार)
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