सीएम कार्यालय से सीधे जुडऩे के लिए विधायकों को मिलेगा आफिस
MLAs will get Rs 15 crore every year – भोपाल(ई-न्यूज)। विधायक को हर साल 15 करोड़ रुपए विकास कार्यों के लिए मिलेंगे। इसके साथ ही विधायक को कार्यालय बनाने के लिए 5 लाख रुपए दिए जाएंगे जिससे सभी विधायक सीएम कार्यालय से सीधे जुड़ सकेंगे। सीएम ने विधायकों को अपना हाईटेक ऑफिस तैयार करने के लिए 5 लाख रूपए देने की भी बात कही है। सीएम ने कहा कि विधायकों का ऑफिस सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़ा रहेगा। विधायकों को भोपाल तक बार-बार आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आप लोगों के ऑफिस से मुख्यमंत्री कार्यालय तक अपनी बात आसानी से पहुंचाकर समाधान करा सकेंगे।
सीएम ने बैठक में कहा कि विधायकों को विधायक निधि के अलावा क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए 15 करोड़ रुपए हर साल दिए जाएंगे(MLAs will get Rs 15 crore every year)। कलेक्टर विधायकों के साथ बैठक कर उनके प्रस्तावों के अनुसार फंड स्वीकृत करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यह बात मंगलवार शाम को ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के विधायकों के साथ सीएम हाउस में हुई बैठक कही
मुख्यमंत्री ने पहले विधायकों के साथ सामूहिक बैठक कर उनसे समस्याएं पूछीं। विधायकों द्वारा बताई गई समस्याओं के समाधान खोजने के लिए सीएम ने फिर अफसरों से विधायकों के सामने ही चर्चा की। विधायकों की समस्याओं पर अफसरों ने जवाब दिए। इसके बाद फिर सीएम ने विधायकों के साथ वन-टू-वन चर्चा की।
बैठक में शामिल हुए विधायक ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि आपके क्षेत्र में यदि किसी गंभीर बीमार व्यक्ति के उपचार के लिए आर्थिक मदद की आवश्यकता है तो आपको या उस बीमार के परिवार को भोपाल तक आने की जरूरत नहीं हैं। विधायक गण ऑनलाइन बीमारी सहायता के प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजेंगे तो बिना भोपाल आए आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाएगी। सीएम ने यह भी कहा कि बीमारी सहायता के इस्टीमेट देने में कुछेक अस्पतालों द्वारा प्राक्कलन बीमारी के अनुमानित खर्च से बढ़ा-चढ़ाकर भेजे जा रहे हैं। बीमारी सहायता के प्रकरणों की जांच कर त्वरित सहायता मुहैया कराने के लिए एक चिकित्सक को मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात किया है जो प्रकरणों की जांच कर राशि स्वीकृत कराएंगे। बैठक में सामाजिक न्याय मंत्री नारायण सिंह कुशवाह, नवकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री राकेश शुक्ला, नरेन्द्र सिंह कुशवाह(भिंड), मोहन सिंह राठौर (भितरवार), प्रीतम लोधी (पिछोर), महेन्द्र यादव (कोलारस), देवेन्द्र जैन(शिवपुरी), बृजेन्द्र सिंह यादव(मुंगावली), अमरीश शर्मा (लहार) मौजूद थे।