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विधायक उईके बोलीं ,सतपुड़ा में छिपा है पर्यटन का खजाना, जरूरत है सही दिशा की
नर्मदापुरम में ईको सेंसिटिव जोन पर हुई बैठक में विधायक ने रखे ठोस सुझाव, कहा ,ग्रामीणों को ‘होम-स्टे’ से जोड़े, कपिलधारा और तवा बेकवॉटर बने आकर्षण का केंद्र।
भौंरा । सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के ईको सेंसिटिव जोन से संबंधित विषयों पर सोमवार को नर्मदापुरम स्थित रिजर्व कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में पर्यावरण संरक्षण, स्थानीय विकास और पर्यटन विस्तार की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की संचालक राखी नंदा ने की, जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारी, जनप्रतिनिधि और स्थानीय हितधारक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। बैठक के दौरान विधानसभा क्षेत्र घोड़ाडोंगरी की विधायक गंगा सज्जन सिंह उईके ने क्षेत्र के पर्यटन विकास को लेकर कई महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए और संचालक राखी नंदा को एक विस्तृत आवेदन सौंपा। विधायक उईके ने कहा कि सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के आसपास बसे गांवों में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं।
यदि इन क्षेत्रों को योजनाबद्ध रूप से विकसित किया जाए तो यह पूरा क्षेत्र न केवल प्रदेश बल्कि देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल हो सकता है।
विधायक ने कहा कि ग्राम धासई, गुवाड़ी, धपाड़ा, छिमड़ी, कैली और भातना जैसे गांवों में होम-स्टे योजना को प्रोत्साहित किया जाए, ताकि ग्रामीणों को भवन निर्माण हेतु शासन से अनुदान मिल सके और वे पर्यटकों को सस्ती दरों पर आवास व भोजन सुविधा उपलब्ध करा सकें। इससे जहां ग्रामीणों को अतिरिक्त आय का साधन मिलेगा वहीं स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
उन्होंने कपिलधारा जोन को पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि यह क्षेत्र प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है, जहां सड़क, बिजली, विश्राम गृह और अन्य बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जाना जरूरी है। इसके साथ ही इस क्षेत्र के प्रचार-प्रसार के लिए ठोस रणनीति बनाई जानी चाहिए ताकि यह स्थान राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन का केंद्र बन सके।
विधायक उईके ने भीमकुंड गेट घासई में इंटरप्रिटेशन सेंटर प्रारंभ करने की मांग करते हुए कहा कि यह सुविधा देशी और विदेशी पर्यटकों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी, जिससे उन्हें जंगल सफारी से पूर्व क्षेत्र की विशेषताओं की जानकारी प्राप्त हो सकेगी। उन्होंने तवा नदी के बेक वॉटर में बोट-सफारी सुविधा शुरू करने का सुझाव भी दिया, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार और क्षेत्र को आय का एक स्थायी स्रोत प्राप्त हो सकेगा। विधायक ने यह भी सुझाव दिया कि विभाग द्वारा तैयार किया गया जोनल मास्टर प्लान अंग्रेजी के बजाय मातृभाषा हिन्दी में तैयार किया जाए, ताकि स्थानीय जनप्रतिनिधि और हितधारक इसे आसानी से समझ सकें और विभागीय कार्यवाही में पारदर्शिता बनी रहे। इसके साथ ही, उन्होंने सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, चूरना के प्रचार-प्रसार हेतु नेशनल हाईवे धपाड़ा जोड़ के दोनों ओर सूचना-पट्ट लगाने का सुझाव दिया, जिन पर चूरना से संबंधित पर्यटन गतिविधियों और दर-सूची की जानकारी अंकित हो। विधायक उईके ने कहा कि इन सभी प्रस्तावों पर ठोस कार्यवाही की जाती है तो यह क्षेत्र न केवल पर्यटन के मानचित्र पर अग्रणी बन सकता है, बल्कि स्थानीय जनता की आर्थिक स्थिति में भी उल्लेखनीय सुधार संभव है।
संचालक राखी नंदा ने विधायक द्वारा दिए गए सुझावों की सराहना करते हुए कहा कि विभाग पर्यटन विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाकर क्षेत्र के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि विधायक द्वारा दिए गए सुझावों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा और जल्द ही व्यावहारिक कार्ययोजना तैयार की जाएगी। बैठक में उपस्थित जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने इस बात पर सहमति जताई कि ईको सेंसिटिव जोन के विकास में स्थानीय समुदाय की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी, ताकि पर्यावरण संरक्षण और पर्यटन विकास दोनों उद्देश्य समान रूप से पूरे हो सकें।





