दो दिवसीय खनन कॉन्क्लेव के समापन सत्र में उद्योगपतियों और उद्योग प्रतिनिधियों को किया संबोधित
Mining conclave: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खनन क्षेत्र को एक चुनौतीपूर्ण और संवेदनशील विभाग बताया है। उन्होंने कहा कि माइनिंग विभाग में अक्सर शिकायतें आती थीं, इसलिए उन्होंने इसे अपने पास रखा। उन्होंने भोपाल में आयोजित खनन कॉन्क्लेव के समापन सत्र में कहा कि माइनिंग सेक्टर में राज्य सरकार को 20 हजार करोड़ के प्रस्ताव मिले हैं, और सरकार इस सेक्टर पर लगातार ध्यान दे रही है। उद्योगपतियों की भूमिका को महत्वपूर्ण मानते हुए सरकार हर महीने इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित कर रही है।
माइनिंग सेक्टर का महत्व:
मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्य प्रदेश के माइनिंग सेक्टर से 10 हजार करोड़ का राजस्व प्राप्त हो रहा है, और सरकार इसे 50 हजार करोड़ तक ले जाने का लक्ष्य रख रही है। उन्होंने माइनिंग में पारदर्शिता की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों के कारण इस क्षेत्र में सुधार हुआ है।
प्रदेश का इको सिस्टम और खनन:
डॉ. यादव ने बताया कि मध्य प्रदेश में खनन के कारण इको सिस्टम में बदलाव आ रहा है। प्रदेश को हीरे और सोने के खनिज मिल रहे हैं। उन्होंने इस पर गर्व व्यक्त किया कि पन्ना जैसे जिले में हीरा मिलने के साथ वहां की पहचान और भी महत्वपूर्ण हो गई है।
ऐतिहासिक योगदान:
मुख्यमंत्री ने अयोध्या के राम मंदिर के गर्भगृह में मंडला जिले से प्राप्त पत्थर का उपयोग होने को राज्य के लिए गर्व का विषय बताया। यह पत्थर गुणवत्ता के आधार पर गर्भगृह के निर्माण के लिए चुना गया।
माइनिंग क्षेत्र में तकनीकी नवाचार:
इस कॉन्क्लेव में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, और डिजिटलाइजेशन जैसी नवीन तकनीकों के उपयोग पर भी चर्चा की गई। इसके साथ ही खनिज अन्वेषण और पर्यावरण सुरक्षा के मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया गया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर यह भी कहा कि ब्रह्मांड को समझने के लिए हमें अपने शरीर की संरचना को समझना होगा, और भारत की संस्कृति में दोहन को शोषण से अधिक महत्व दिया गया है।
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